पुराने शिक्षकों को 2 अग्रिम वेतनवृद्धि तो नए शिक्षक संवर्ग को क्यों नहीं / EMPLOYEE and LAW

अमित चतुर्वेदी। शासन द्वारा स्वयं के खर्च पर बीएड, बीटीआई, डीएड, प्रशिक्षण प्राप्त, शिक्षकों  के वर्ग को दो एडवांस वेतन वृद्धियों के लाभ से क्यों वंचित किया गया है, इस पर चर्चा आवश्यक है। मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेशों/ निर्देशो के अनुसार,  16/06/1993 के पूर्व नियुक्त एवं 01/03/1999 की अवधि में बीएड, बीटीआई, डीएड, प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक ही अग्रिम वेतन वृद्धियों के पात्र होंगे।

चूंकि 16/06/1993 के पश्चात, या तो प्रशिक्षित शिक्षक भर्ती हुए थे या निर्धारित समय के भीतर, उनके द्वारा बीएड, बीटीआई, डीएड, प्रशिक्षण प्राप्त करना था। प्रशिक्षण नियुक्ति की पूर्व शर्त था। इसके पीछे का कारण 16/06/1993 से भर्ती नियमों में संशोधन था। अतः प्रशिक्षित शिक्षकों को ही नियुक्त दी जानी थी।

2) परंतु, 16/06/1993  के पूर्व नियुक्त शिक्षक, जिन्होंने विभाग की अनुमति से, खुद के खर्चे पर बीएड, बी टी आई, डी एड, ट्रेनिंग प्राप्त की, लेकिन, उनके प्रशिक्षण का परीक्षा परिणाम, दिनाँक 01/03/1999 के बाद आया। वे अन्य शिक्षकों की भाँति, दो अग्रिम वेतन वृद्धियों के लाभ से विभाग द्वारा वंचित किए गए है। विभाग द्वारा, कट ऑफ डेट, लगाने के पीछे का कारण शिक्षकों को सम्प्रेषित नही किया गया है। इन परिस्थितियों में, शिक्षकों/ संघो द्वारा, समानता के अधिकार के तहत, सक्षम कोर्ट में वाद भी दायर किये गए थे।

3}  शासन ने शिक्षकों की व्यवसायिक कुशलता में वृद्धि हेतु, निर्णय लिया था कि जो शिक्षक, स्वयं के खर्चे पर बीएड, बी टी आई, डी एड, प्रशिक्षण, प्राप्त करेंगे, उन्हें परीक्षा पास करने की तिथि से दो एडवांस वेतन वृद्धि प्राप्त होंगी। दूसरे प्रकार से देखें तो इसके पीछे कारण यह था कि, प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक, शिक्षण कार्य अधिक कुशलता से कर सकेंगे एवं शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।  अग्रिम वेतन वृद्धि, देने की पीछे का प्रमुख कारण, शिक्षको को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना था।

4)  समान रूप से स्थापित तथा शासित शिक्षकों को, प्रशिक्षित होने के बाद भी अग्रिम वेतन वृद्धि से वंचित करने वाली, भेवभाव पूर्ण नीति के कारण न्यायलयीन वाद उद्भूत हुए। अन्ततः,  16/06/1993 के पहले खुद के खर्चे पर सेवाकाल के दौरान ट्रेनिंग प्राप्त शिक्षकों को दो एडवांस वेतन वृद्धि प्रदान करने के आदेश स्कूल शिक्षा द्वारा जारी किए गए। परंतु, 01/03/1999 के पश्चात प्रशिक्षण क्वालीफाई शिक्षक वंचित रहे।

5)   सेवा के पूर्व बी एड प्रशिक्षित शिक्षको स्कूल शिक्षा विभाग, द्वारा साल 1970 में जारी आदेश के कारण, दो अग्रिम वेतन वृद्धियों का लाभ शासन को देना पड़ा था। कोर्ट केस के दौरान, स्कूल शिक्षा विभाग यह स्थापित करने में विफल रहा था कि उसके द्वारा सेवा से पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों को एडवांस इंक्रीमेंट देने का आदेश वापस लिया जा चुका है। यह मामला उच्चतम न्यायालय तक गया था। बढ़ते कोर्ट प्रकरणों के चलते स्कूल शिक्षा ने समान रूप से स्थापित सभी शिक्षकों को जो सेवा मे प्रवेश के पूर्व ट्रैनिंग प्राप्त थे, दो अग्रिम वेतन वृद्धियों का लाभ देने के आदेश वर्ष 2011 में कर दिये गए हैं। 

6) पूर्व अध्यापक, वर्तमान प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षक/ उच्च माध्यमिक शिक्षक, स्कूल शिक्षा की पूर्व की नीतियों (पुराने संवर्ग हेतु जारी) के अनुपालन में, प्रशिक्षित होने के पश्चात भी, भिन्न सेवा नियमों के कारण, दो अग्रिम वेतन वृद्धियों के लाभ के पात्र नही है। उक्त संवर्ग को, ऐसी वेतन वृद्धि देने के संबंध में कोई आदेश प्रभावशील नही है। 
लेखक श्री अमित चतुर्वेदी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में एडवोकेट हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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