शासकीय सेवा में प्रमोशन, कर्मचारी का कानूनी अधिकार है अथवा नही ? / EMPLOYEE and LAW

अमित चतुर्वेदी। समता के आधार पर कर्मचारी को पद्दोन्नति हेतु विचार में लिया जा सकता है। संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 16(1) द्वारा उपरोक्त अधिकार कर्मचारी में निहित है। कर्मचारी प्रमोशन हेतु, विचार किये जाने की मांग कर सकता है, यदि एक ही संवर्ग या या कनिष्ठ या साथ कार्य करने वाले कर्मचारी को प्रमोशन दिया गया है। प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए प्रमोशन पर विचार किया जाना चाहिये।

वहीं दूसरी ओर प्रमोशन के आज्ञापक अवसर या प्रमोशन किया जाना मूलभूत अधिकार नही है। यदि मापदंड के अनुसार, कर्मचारी विचार जोन में आता है, तब, विभागीय पद्दोन्नति समिति द्वारा कर्मचारी के नाम पर विचार किया जाना, कर्मचारी का अधिकार है। लंबित विभागीय जांच के दौरान भी कर्मचारी के नाम पर विचार हो सकता है। 

सरल शब्दों मे, कानूनी रूप से कर्मचारी प्रमोशन का दावा नही कर सकता है या सरकार आवश्यक रूप से किसी भी कर्मचारी को पद्दोन्नति देने हेतु देने हेतु बाध्य नही है।। परंतु पद्दोन्नति हेतु, कर्मचारी के नाम पर विचार करना , सरकार का कानूनी कर्तव्य है। 
लेखक श्री अमित चतुर्वेदी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जबलपुर में एडवोकेट हैं। 
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