यदि कोई मर्जी के बिना नशीली या जहरीली चीज खिला दे तो क्या उसके खिलाफ भी FIR हो सकती है, पढ़िए / ABOUT IPC

आपने अक्सर सुना होगा, कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह किसी एक पुरुष या स्त्री को धोखे में रखकर नशीली या जहरीली खिला देता है। इसके बाद कई बार अपराध ( रेप, लूट या हत्या आदि) भी किए जाते हैं परंतु कभी-कभी अपराध घटित नहीं हो पाता। सवाल यह है कि जब अपराध घटित नहीं हो पाता तब क्या अपराध की साजिश करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकती है। क्या किसी की मर्जी के बिना उसे नशीली या जहरीली चीज खिलाना भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है। आइए समझने की कोशिश करते हैं:-

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 328 की परिभाषा:-

सरल शब्दों में:- अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को ऐसी चीज देगा या कोशिश भी करेगा जैसे- विष, नशीली दवा, कोई भी हानिकारक पदार्थ जिससे शरीर में गलत प्रभाव या नुकसान होने की संभावना हो, खाने में कोई भी अवांछित पदार्थ आदि। वह व्यक्ति धारा 328 के अंतर्गत दोषी पाया जाएगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 328 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं।इनकी सुनवाई सेशन न्यायालय करता है। सजा- दस वर्ष की कारावास और जुर्माना से दण्डित किया जा सकता है।

उधारानुसार वाद:- सुशीला तेलुनी बनाम राज्य- ड, नामक व्यक्ति को आरोपी ने कढ़ी खिलाई उसके तुरन्त बाद उस व्यक्ति को बेचैनी अनुभव हुई और उसके मुँह का स्वाद भी बुरी तरह कड़वा हो गया। न्यायालय ने आरोपी को धारा 328 के अंतर्गत अपराध का दोषी ठहराया।
【आज कल रेलगाड़ी में जो व्यक्ति जहरीली चीज खिला कर लोगों को बेहोश कर लूटपाट करते हैं उनके ऊपर इसी धारा अंतर्गत अपराधिक कार्यवाही होती हैं।】
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बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | 

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