क्वारंटाइन सेंटर या कालापानी: ना बच्चों को दूध, ना मास्क, 88 लोगों के लिए 2 टॉयलेट | BHOPAL NEWS

भोपाल। क्वॉरेंटाइन का मतलब होता है संगरोध (एक व्यक्ति को अन्य सभी से पृथक कर देना) यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इकाई 'एक व्यक्ति' होता है लेकिन भोपाल के क्वॉरेंटाइन सेंटर कुछ और ही बन गए हैं। एक सेंटर में 88 लोगों को एक साथ रखा गया है। सबको यूज़ करने के लिए सिर्फ दो टॉयलेट है। पानी के लिए नगर निगम का टैंकर। सरल शब्दों में यदि किसी एक व्यक्ति को किसी भी प्रकार का संक्रमण है तो काफी संभावना है कि शेष 87 लोग खतरे में है। आजादी से पहले ऐसे स्थान को 'कालापानी' के नाम से पुकारा जाता था। यहां भेजे गए लोगों को अपने परिवार से मिलने तक की अनुमति नहीं थी। वह समाज से पूरी तरह अलग हो जाते थे। भोपाल से प्रकाशित नवदुनिया दिनांक 16 अप्रैल 2020 के पेज नंबर 2 पर भोपाल शहर के क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर आधारित एक रिपोर्ट में ऐसी कई बातों का खुलासा किया गया है। 

10 बच्चे, सुबह 12:00 बजे से 8:00 बजे तक भूखे, दूध नहीं खिचड़ी थी

गांधी नगर का ऑल सेंट्स स्कूल। यहां जहांगीराबाद के 75 लोगों को अचानक लाकर क्वारंटाइन कर दिया गया। सुबह 12 बजे इन्हें लाया गया। माता-पिता के साथ आए करीब 10 बच्चे भूख से दिन भर बिलखते रहे। सभी को इंतजार था कि रात मे बच्चों के लिए दूध व पूरा खाना मिलेगा। रात आठ बजने पर उनकी उम्मीद टूट गई। खाने में उन्हें एक थैली में खिचड़ी दी गई। इन्हें अलग अलग-हॉल में जमीन पर बेड लगाकर रखा गया है। बच्चे पूरे हॉल में घूम रहे हैं। सभी के पास जा रहे हैं। सेंटर में लोगों को मास्क दिया गया है न ही मच्छरदानी। दबी जुबान लोग बोल रहे हैं यहां संक्रमण कम नहीं होगा, बल्कि बढ़ेगा।

कहां कितने क्वारंटाइन

जिला प्रशासन ने बुधवार से तय किया है संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सभी लोगों को क्वारंटाइन किया जाएगा। इसके अलावा जमातियों के संपर्क में आए पहले दिन जहांगीराबाद के 75 लोगों को ऑलसेंट स्कूल में क्वारंटाइन किया गया। इसके अलावा जमातियों के संपर्क में आए 389 लोगों को भी ऑल सेंट्स स्कूल और आरजीपीवी के हॉस्टल में क्वांरटाइन किया जा रहा है। बुधवार को कुल 90 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया। 

88 लोगों के लिए दो टॉयलेट, पेयजल के लिए निगम का टैंकर

वहां के कमरों में न तो साफ सफाई की गई और न ही वहां टायलेट साफ हैं। इतने लोगों के बीच सिर्फ दो टॉयलेट हैं। इनमें बेहद गंदगी है। महिलाओं को कॉमन टायलेट का उपयोग करना पड़ रहा है। पीने के पानी के लिए एक टैंकर का इंतजाम किया गया है, सभी लोग उसी से पानी भर रहे हैं। ऐसे में एक व्यक्ति यदि कोरोना संक्रमित होगा तो सभी 88 लोग संक्रमित हो जाएंगे। एक वाटर कूलर भी लगा है, पर ठंडा पानी नहीं आ रहा। कूलर के पास अंधेरा भी है।

स्वर्गीय जगन्नाथ मैथिल के परिवार के लोगों को भी किया क्वारंटाइन

11 अप्रैल को जगन्नाथ मैथिल की मृत्यु के बाद उनके शव के संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटाइन करने का काम शुरू कर दिया गया है। इनके परिवार के 9 लोगों को ऑलसेंट स्कूल में क्वारंटाइन किया जा रहा है। इसी तरह नरेश खटीक, इरफान खान और अशफाक नदवी के परिवार के सदस्यों को भी ऑलसेंट स्कूल में क्वारंटाइन किया जा रहा है। 

ऑलसेंट स्कूल के कमरों में न तो साफ सफाई की गई है और न ही वहां टायलेट साफ है, जिनसे बदबू आ रही है। महिलाओं को कॉमन टायलेट का उपयोग करना पड़ रहा है। पीने के पानी के लिए एक टैंकर का इंतजाम किया गया है, सभी लोग उसी से पानी भर रहे हैं। ऐसे में एक व्यक्ति यदि कोरोना संक्रमित होगा तो सभी 88 लोग संक्रमित हो जाएंगे।

तीनों मृतकों के परिवार व उसके आसपास के सदस्यों को किया क्वारंटाइन

कोरोना वायरस से राजकुमार यादव की मौत हो गई थी। उनके परिवार और उनके घर में किराए से रहने वाले 51 लोगों को यहां क्वारंटाइन किया गया है। इनके भाई और अन्य रिश्तेदार कोरोना संक्रमित निकला है। इसके अलावा मृतक जगन्नाथ मैथिल के परिवार के कुल 9 सदस्य को शिफ्ट किया है। परिवार के तीन सदस्य कोरोना पॉजीटिव हैं और चिरायु में भर्ती हैं।

50 लोगों को एक हॉल में बिठा दिया, सोशल डिस्टेंसिंग नहीं

मृतक जगन्नाथ का परिवार कॉलेज की गड़बड़ व्यवस्थाओं से नाराज था। इस कारण वह दोपहर से रात करीब 8 बजे तक कॉलेज के अंदर ही नहीं गया। अधिकारियों की समझाइश के बाद वे अंदर पहुंचे। हालांकि, इस परिवार ने सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन किया। लोगों को सेनेटाइजर से हाथ साफ करने के बाद टैंकर से पानी भरने की समझाइश देते रहे। मृतक राजकुमार के परिवारजनों के साथ शिफ्ट हुए 50 लोगों को दोपहर से शाम तक कॉलेज के एक बड़े हॉल में बैठाए रखा। किसी को भी सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाने की हिदायत नहीं दी गई।

तीन से चार लोगों को एक हॉल में किया गया है क्वारेंटाइन

तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल ने बताया कि तीनों मृतकों की फैमिली सहित उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए 88 लोगों को ऑलसेंट कॉलेज में क्वारंटाइन किया जा रहा है। एक-एक हॉल में तीन से चार लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है, क्योंकि हॉल बहुत बड़े हैं। सभी लोगों को कॉलेज परिसर में शिफ्ट करने का मकसद जहांगीराबाद क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकना है।

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