गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री मेरा फोन तक नहीं उठा रहे: कमलनाथ | MP NEWS

भाेपाल। मध्य प्रदेश की पॉलीटिकल क्राइसिस के बीच सीएम कमलनाथ ने बयान दिया है कि हम बेंगलुरु में मौजूद 16 विधायकों की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे हैं। भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री मेरा फोन तक नहीं उठा रहे हैं। मैंने कई बार है ना फोन लगाया। इनकी तरफ से कोई रिप्लाई भी नहीं आया है। इसे क्या समझा जाए। हम चाहते हैं कि विधायक खुलकर सामने आए और अपनी बात रखें।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों और देश के गृहमंत्री से भी फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया है। मैंने सुबह 8 बजे उन्हें फोन किया था, लेकिन मेरे फोन का पलट कर जवाब भी अभी तक नहीं आया है। आज पूरे देश की जनता देख रही है कि किस प्रकार प्रजातंत्र से खिलवाड़ किया जा रहा है। हम अगली रणनीति के बारे में सभी से सलाह कर रहे हैं। 

हम तो चाहते हैं फ्लोर टेस्ट हो लेकिन नियम प्रक्रिया के अनुसार

हम तो आज भी चाहते हैं कि फ्लोर टेस्ट हो, लेकिन नियम प्रक्रिया के अनुसार हो, संविधान के अनुसार हो, विधानसभा के नियमों के अनुसार हो। यह तो अविश्वास प्रस्ताव दे चुके हैं, लेकिन अब मुकर रहे हैं... कह रहे हैं कि हमने नहीं दिया, लेकिन वह तो कागज के रूप में उपलब्ध है, वह तो लिखा हुआ है, अब भाग रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अब क्यों भाग रहे हो?

बेंगलुरु में विधायक दिग्विजय सिंह के मुंह पर भी बोल सकते थे कि हमें नहीं मिलना

दिग्विजय सिंह के बेंगलुरु मामले में मुख्यमंत्री ने कहा - दिग्विजय सिंह राज्यसभा के उम्मीदवार हैं और वे विधायकों से मिलकर अपने पक्ष में मतदान की मांग कर सकते हैं। ऐसा सभी पार्टी के उम्मीदवार कर सकते हैं। भाजपा उम्मीदवार भी कांग्रेस के विधायकों से बात कर सकते हैं कि उन्हें वह वोट दें। जिन विधायकों से वे मिलने गए थे, वे कांग्रेस के हैं, उन्होंने तो यह कहा नहीं है कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है। दिग्विजय सिंह ने उन विधायकों को सुरक्षा का खतरा है। एक व्यक्ति उन विधायकों से मिलने गया, जो कर्नाटक के 500 पुलिस जवानों के पहरे में हैं। दिग्विजय सिंह आज राष्ट्रीय खतरा बन गए। वह अगर अंदर चले गए तो राष्ट्रीय खतरे का प्रश्न उठ जाएगा? यह बात साफ साबित करती है कि किस प्रकार से उन्हें बंधक बनाया गया है। यदि विधायक उन्हें मना कर देते की हमें आपसे नहीं मिलना तो वे वापस लौट आते, लेकिन उन्हें रोकना और यह कहना कि विधायक नहीं मिलना चाहते हैं, गलत है। विधायक लिखने के बजाय मुंह पर भी बोल सकते थे कि हमें नहीं मिलना।

कोई सड़क पर आकर कहे सरकार के पास बहुतम नहीं, क्या ये सही है

मुख्यमंत्री ने कहा - 15 महीने में हमने कई बार बहुमत साबित किया है। आज भी हमारी सरकार बहुतम में है। कोई सड़क पर खड़े होकर कह दे कि सरकार के पास बहुमत नहीं है तो क्या यह सही है। राज्यपाल के पास चिट्ठी लेकर जाने के बजाय सीधे विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश करें और इस पर बहस हो। पता चल जाएगा बहुतम है या नहीं। यह कहते हैं कि फ्लोर टेस्ट करो। फ्लोर टेस्ट का क्या मतलब है? फ्लोर टेस्ट दो प्रकार के होते हैं एक विश्वास प्रस्ताव और दूसरा अविश्वास प्रस्ताव। यह कहते हैं कि हम अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएंगे, आप विश्वास प्रस्ताव लाओ। यह सिर्फ दूसरे माध्यमों का सपोर्ट लेकर सरकार को डिस्टर्ब करना चाहते हैं।

शिवराज मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे, उन्हें नींद नहीं आ रही

मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने के सपने आ रहे हैं, उनको नींद नहीं आ रही है। वे ही नहीं भाजपा के और कइयों को नींद नहीं आ रही है, सब सपने देख रहे हैं जो मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इनकी ओर से 3-4 इस रेस में हैं, लेकिन इनका सपना साकार कभी नहीं होने वाला। यह बड़ी भूल में है कि बहुमत इनके पास है। ये 16 विधायकों को वापस लाने में क्यों घबरा रहे हैं। इन्होंने विधायकों को 500 से 1000 पुलिसवालों की कैद में रखा है। बंधक बनाकर कुछ भी लिखवा सकते हैं, कहलवा सकते हैं। इन्हें अपने क्षेत्र में जाने दो, उन्हें फ्री छोड़ दो। पता चल जाएगा वे किसके पक्ष में हैं।

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