राकेश दुबे@प्रतिदिन। सोमवार की शाम तक भारत में लोग कुछ हद तक इस बात को लेकर खुश थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में ही सही, पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के नेता हाफिज सईद को उसके घर में ही नजरबंद करना पड़ा। हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि इसका ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है। लेकिन मंगलवार को अमेरिका के प्रतिनिधि-सदन में एच1बी वीजा नियमों में संशोधन का विधेयक पेश हो गया है। इसका असर कितना हो सकता है, इसे सिर्फ इसी बात से समझा जा सकता है कि संशोधन विधेयक पेश होते ही भारतीय शेयर बाजारों में आईटी कंपनियों के शेयर मुंह के बल जा गिरे। कुछ में तो यह गिरावट दस फीसदी के आस-पास थी। अमेरिका भारतीय आईटी कंपनियों का सबसे बड़ा बाजार है। वहां काम करने वाली ज्यादातर भारतीय आईटी कंपनियां एच1बी वीजा के तहत भारतीय आईटी पेशेवरों को वहां कुछ साल के लिए ले जाती हैं। यह अमेरिकी आईटी पेशेवरों को नौकरी पर रखने के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है।
इस नियम का संशोधन इसी सस्ती पड़ने वाली सुविधा को खत्म करने जा रहा है। अभी तक इस नियम के तहत उन्हीं कामों के लिए विशेषज्ञ पेशेवरों को अमेरिका बुलाया जा सकता था, जिसमें न्यूनतम वेतन 60 हजार डॉलर सालाना हो। यह न्यूनतम सीमा 1989 में तय की गई थी। नए संशोधन के बाद इसे दोगुने से भी ज्यादा बढ़ाकर 1.3 लाख डॉलर किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे सस्ते पेशेवर आयात करने के सिलसिले पर लगाम लगेगी और अमेरिकी पेशेवरों को नए अवसर मिलेंगे। हालांकि एक सोच यह भी है कि जितने और जिस तरह के पेशेवरों की जरूरत है, उतने अमेरिका में उपलब्ध ही नहीं हैं। इससे भारत जैसे देशों की कंपनियों को जितना नुकसान होगा, उससे कहीं ज्यादा अमेरिकी आईटी कंपनियों का होगा। वे भी दुनिया भर के पेशेवरों पर निर्भर हैं।
एच1बी वीजा विशेषज्ञता की जरूरत वाले क्षेत्रों में उसी सूरत में दिया जाता है, जहां किसी पेशेवर की सेवा लेने वाली कंपनी इसे प्रायोजित करने को तैयार हो। इस वीजा के दरवाजे से कोई भी अंदर न आ सके, इसके लिए कई कड़ी शर्तें हैं। जैसे जिस पेशेवर को बुलाया जा रहा है, उसके पास कम से कम उस क्षेत्र में स्नातक की डिग्री हो, साथ ही एक स्तर से कम वेतन वाले क्षेत्र में ऐसे विशेषज्ञ न बुलाए जा सकें। जिन्हें यह वीजा दिया जाता है, उन्हें कई तरह के अधिकार मिलते हैं, लेकिन उन्हें अमेरिकी प्रवासी वाले अधिकार नहीं मिलते। यह वीजा सिर्फ आईटी क्षेत्र के लिए नहीं है, इसमें बॉयो-टेक्नोलॉजी और फैशन जैसे कई तरह के कारोबार शामिल हैं।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए