MONSOON BREAKING NEWS - बादल आगे नहीं बढ़ रहे हैं, मानसून लेट हो जाएगा

भारत में यह पहली बार हो रहा है। मानसून समय से पहले आ गया था। बंगाल की खाड़ी से पैदा हुए बादल बड़ी तेजी से हिमालय की तरफ बढ़ रहे थे। 24 मई को भारत की जमीन पर पहली बार मानसून वाले बादल की बारिश हुई थी और 26 मई को यह बादल मुंबई पहुंच गए थे। यानी बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा तेज स्पीड से चल रहे थे लेकिन इसके बाद आगे नहीं बढ़े। मानसून के बादलों का पहला दल मुंबई के आसमान में दम तोड़ गया है। अर्थात बाकी बचे हुए भारत में मानसून कम से कम एक सप्ताह लेट हो जाएगा। 

MONSOON LATEST UPDATE - बादल मुंबई और बालूरघाट के आसमान में ठहर कर रह गए

भारत मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सन 2009 में समय से एक सप्ताह पहले मानसून की बारिश शुरू हो गई थी लेकिन तब भी ऐसा नहीं हुआ था। इस बार मानसून वाले बादल समय से पहले आए और बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहे थे। वैज्ञानिकों ने ऐलान कर दिया था कि कम से कम एक सप्ताह पहले भारत के सभी इलाकों में मानसून की बारिश शुरू हो जाएगी। जब तक यह समाचार प्रसारित हुआ तब तक भारत के 40% आसमान पर मानसून वाले बादल दिखाई देने लगे थे। हल्की-फुल्की बारिश भी शुरू हो गई थी। 26 मई को आसमान में मानसून की लोकेशन पश्चिम में मुंबई और पूर्व में बालूरघाट (पश्चिम बंगाल) पर दिखाई दे रही थी। बादलों की स्पीड को देखकर लग रहा था कि एक सप्ताह के भीतर भारत के 100% आसमान पर मानसून वाले बादल दिखाई देने लगेंगे और बारिश शुरू हो जाएगी लेकिन पिछले एक सप्ताह से मानसून वाले बादल वहीं पर ठहरे हुए हैं। आगे ही नहीं बढ़ रहे हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि अब यह बादल यहीं पर खत्म हो जाएंगे। 

छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा  में मानसून का पूर्वानुमान

बंगाल की खाड़ी में मानसून वाले नए बादलों के पैदा होने की हलचल दिखाई दे रही है। करीब एक सप्ताह लगेगा। माना जा रहा है कि 12 से 14 जून के बीच में ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व महाराष्ट्र में मानसून की बारिश फिर से शुरू हो जाएगी। केरल, कर्नाटक, गोवा और कोंकण तट पर भी मानसून की वापसी होगी। कुल मिलाकर जो भी हो फिलहाल मानसून वाले बादल की एक बारिश खत्म हो गई है और यह बादल अपनी यात्रा पूरी नहीं कर पाए। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा इत्यादि राज्यों के किसान मानसून का इंतजार करते रह गए। अब नया सिस्टम 10 तारीख को बनेगा। 48 घंटे में हवाएं बादलों को समुद्र से बाहर भारत की तरफ फेंक देंगी। 14 जून तक मानसून वाले बादल अपनी पुरानी पोजीशन मुंबई पहुंचेंगे और फिर उस के बाद आगे बढ़ेंगे। 

आमतौर पर मानसून ऐसा बेवफा नहीं होता

मानसून की चाल में उतार-चढ़ाव आना मौसम की सामान्य विशेषता है। चार महीने लंबे इस मौसम में कभी ज़ोरदार बारिश तो कभी सुस्ती का दौर चलता है। लेकिन इस बार चौंकाने वाली बात यह है कि सीजन की शुरुआत में ही यह ठहराव आ गया है, जो आमतौर पर देखने को नहीं मिलता।

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