IPC 180 - बयान नोट कर करवाने के बाद, उस पर हस्ताक्षर करने से इनकार करना भी दंडनीय अपराध है

कोई लोकसेवक या शासकीय अधिकारी जो किसी व्यक्ति या आरोपी से बयान लेने के लिए प्राधिकृत किया गया है ओर वह व्यक्ति का बयान ले लेता है। बयान के पश्चात आरोपी उस बयान या कथन में हस्ताक्षर करने से इनकार कर देता है। तब उस व्यक्ति के खिलाफ किस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा जानिए।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 180 की परिभाषा

कोई व्यक्ति जो किसी लोकसेवक या शासकीय अधिकारी या किसी मजिस्ट्रेट के समक्ष कथन देता है एवं वह इसे कथन या बयान पर हस्ताक्षर करने से मना करता है तब मना करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 180 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा और न्यायालय द्वारा दंडित किया जाएगा।

कथन बयान पर हस्ताक्षर करना कब अपराध नहीं होगा:-

जब कोई लोकसेवक अवैध कथन बयान पर हस्ताक्षर करवाता है या पुलिस द्वारा लिए गए साक्षी बयान कथन पर हस्ताक्षर करने से मना करना अपराध नहीं होगा।

Indian Penal Code, 1860 section 180 Punishment

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है यह असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है, इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। सजा:- इस अपराध के लिए तीन माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665 

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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