article 42 of Indian constitution in Hindi
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 41 राज्य को निर्देशित करता है कि वह नागरिकों को काम दे। (यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं) सवाल यह है कि क्या किसी ग्रेजुएट व्यक्ति को गड्ढे खोदने का काम देकर राज्य सरकार यह घोषित कर सकती है कि उसने अपनी जिम्मेदारी निभा दी है। राज्य सरकार को रोजगार के मामले में अनुशासित करने के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 42 में प्रावधान किया गया है। नियम कानून और संविधान में क्या अंतर होता है। यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं। इससे संविधान की शक्ति का पता चलेगा।
भारतीय संविधान अधिनियम,1950 के अनुच्छेद 42 की परिभाषा
राज्य सरकार का दायित्व है की वह राज्य के सभी नागरिकों को रोजगार दे लेकिन रोजगार न्यायोचित एवं मानवोचित होना आवश्यक है अर्थात काम मानव प्रकृति एवं मानव व्यवस्था के अनुरूप होना चाहिए। काम इतना कठोर एवं प्रतिकूल न हो कि जिसके कारण व्यक्तियों के स्वास्थ्य एवं मानसिकता पर बुरा प्रभाव पड़े। अगर ऐसा काम नागरिकों को दिया जाता है तो यह शोषण के अंतर्गत आएगा।
नोट:- महिलाओं से प्रसूति के पहले या बाद में जोखिम भरा काम करवाना एवं बालको से जोखिम भरे काम करवाना जिससे उनके शारिरिक स्वास्थ्य एवं मानसिकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो यह उनका शोषण होगा।
म्युनिसिपल कारपोरेशन ऑफ दिल्ली बनाम फीमेल वर्क्स:- मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा यह अभिनिर्धारित किया गया कि नगर निगम में कार्यरत महिलाओं को भी प्रसूति प्रलाभ का फायदा दिया जाना चाहिए। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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