legal advice- आईपीसी की धारा 501 लिखित मानहानि- गिरफ्तारी, जमानत, सजा और समझौता के प्रावधान

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हमने आपको पिछले लेख में बताया था की जब किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को कोई ठेस पहुचती है या उसके मान सम्मान को क्षति होती है तो यह आईपीसी की धारा 500 के तहत मानहानि का अपराध होता है। अगर कोई व्यक्ति मौखिक रूप से किसी के बारे में झूठा लांछन लगाता है तो इसे मौखिक मानहानि कहते हैं और कोई व्यक्ति लिखित रूप में किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर लांछन लगाता है तो इसे लिखित मानहानि कहते हैं।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 501 की उपधारा (ख) में लिखित मानहानि को अपराध माना है,अगर कोई व्यक्ति न्यूज या समाचार पत्र के माध्यम से, लेटर द्वारा, पम्पलेट द्वारा, पेंटिंग आदि द्वारा द्वारा किसी व्यक्ति के मान सम्मान को क्षति करता है तब यह लिखित मानहानि का अपराध होगा। यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है इनकी सुनवाई  प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। सजा इस अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 501 (ख) का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा(1) के अनुसार किसी भी व्यक्ति को लिखित मानहानि पहुचाना एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही किया जा सकता है इस अपराध का समझौता उस व्यक्ति से किया जाता है जिस व्यक्ति के मान सम्मान को ठेस पहुचाई गई है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665

इसी प्रकार की कानूनी जानकारियां पढ़िए, यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

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