दुनिया भर की फिल्म इंडस्ट्री में ऑस्कर अवार्ड सबसे बड़ा पुरस्कार है। दावा किया जाता है कि ऑस्कर अवार्ड के विजेता की सिलेक्शन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो सकती। लेकिन हम आपको बताते हैं कि ऑस्कर अवार्ड खरीदे और बेचे भी जा सकते हैं और सबसे बड़ी बात कि ऑस्कर अवार्ड में भी आरक्षण होने लगे हैं। आइए ऑस्कर अवार्ड की मजेदार कहानी पढ़ते हैं।
सबसे पहले फिल्मी कलाकारों को समझौता के बदले ऑस्कर अवार्ड दिए जाते थे
ऑस्कर अवार्ड की शुरुआत 1929 में हॉलीवुड की गिरती हुई रेपुटेशन को बचाने के लिए की गई थी। इस अवार्ड के लिए एक संस्था की स्थापना की गई थी जिसका नाम था द एकेडमी ऑफ मोशन पिकपिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज, जिसे आज द एकेडमी के नाम से जाना जाता है। इसीलिए इन अवॉर्ड्स को द एकेडमी अवार्ड कहा जाता है। सन 1929 में अमेरिका में हॉलीवुड की हालत बहुत खराब थी। कई सारे स्कैंडल सामने आ रही थी। कुछ कलाकारों की हत्या हो गई थी। हॉलीवुड फिल्मों का प्रोडक्शन करने वाले लोगों को डर था कि फिल्मों में काम करने वाले लोग कहीं कोई यूनियन ना बना लें। ऐसे हालात में अमेरिका की एक कंपनी एमजीएम प्रोडक्शन ने प्लान किया कि एक अकादमी बनाई जाए जो फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों से नेगोशिएट करेगी और उसके बदले में उन्हें अवार्ड दिए जाएंगे। शुरू के कुछ अवार्ड इसी प्रकार से दिए गए थे। इसमें टैलेंट और सम्मान जैसा कुछ भी नहीं था। सिर्फ एक समझौता था।
ऑस्कर अवार्ड में कुल कितनी कैटेगरी है
जिन लोगों को ऑस्कर अवार्ड मिले उन्होंने इसे प्रतिष्ठा पूर्ण बताया और इस प्रकार ऑस्कर अवॉर्ड आने वाले कुछ सालों में सचमुच प्रतिष्ठा पूर्ण अवार्ड माने जाने लगे। धीरे-धीरे इनकी प्रतिष्ठा बढ़ती गई और इसी प्रतिष्ठा ने ऑस्कर अवार्ड को ईमानदार होने पर मजबूर कर दिया। सन 1956 में पहली बार हॉलीवुड के अलावा दूसरे देशों की फिल्मों को भी ऑस्कर अवार्ड के लिए नामांकित किया गया। ऑस्कर अवार्ड में कुल 24 कैटेगरी है जिसमें फिल्मों के कलाकार और उनमें काम करने वाले दूसरे लोगों को सम्मानित किया जाता है। अब तो शॉर्ट फिल्म को भी सम्मानित किया जाने लगा है।
ऑस्कर अवार्ड का चुनाव कैसे किया जाता है
ऑस्कर अवार्ड का चुनाव दुनिया भर में 10000 फिल्म इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स (एक्टर, डायरेक्टर, म्यूजिशियन इत्यादि) द्वारा किया जाता है। यह सभी लोग अपनी-अपनी कैटेगरी में नॉमिनेट होने वाली फिल्म को रिव्यु करते हैं और पूरी स्वतंत्रता के साथ अपना वोट करते हैं। यह सभी लोग एकेडमी के सदस्य हैं और दुनिया भर में फैले हुए हैं। इनमें से कुछ ऐसे हैं जिन्हें या तो ऑस्कर अवॉर्ड मिल चुका है या फिर ऑस्कर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किए गए थे।
द ऑस्कर अवार्ड 4.50 करोड़ रुपए में बिका था
द एकेडमी के कानून के अनुसार कोई भी ऑस्कर अवार्ड विजेता अपना अवार्ड बेच नहीं सकता लेकिन यह कानून 1950 में बनाया गया। इसलिए 1929 से लेकर 1949 तक जितने भी ऑस्कर अवार्ड दिए गए हैं उन्हें बेचा एवं खरीदा जा सकता है और नीलम भी किया जा सकता है। दिसंबर 2011 में औरसन वेलसन का 1941 में जीता गया अवार्ड नीलाम किया गया था। यह अवार्ड लगभग 4.50 करोड़ रुपए में बिका था। यह खरीद और बिक्री लगातार चलती रहती है और द अकैडमी तमाम कानूनी प्रक्रियाएं अपना चुकी है परंतु इसे रोक नहीं पा रही है।
ऑस्कर में भी आरक्षण हो गया- 4 कैटेगरी बनाई गई
पिछले कुछ सालों में ऑस्कर अवार्ड पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। कहा गया है कि ऑस्कर अवार्ड केवल अमेरिका और यूरोपियन देशों के कलाकारों और फिल्मी कर्मचारियों को दिए जाते हैं। 2015 में ऑस्कर अवार्ड का कुछ लोगों ने सबसे ज्यादा विरोध किया था। उनका कहना था कि एक्टिंग के 20 फिल्म नॉमिनेशन में सभी गोरे थे। इन विरोध प्रदर्शन के कारण एकेडमी दबाव में आ गई। अकादमी के सदस्यों में योग्यता के मापदंड को थोड़ा कमजोर करके विरोध करने वाले लोगों को भी शामिल किया गया और चार नई कैटेगरी भी जोड़ दी गई है। साल 2024 के ऑस्कर अवार्ड में आरक्षित चारों कैटेगरी में अवार्ड दिखाई देंगे।
चलते-चलते सबसे मजेदार बात बताते हैं। द एकेडमी अवार्ड को ऑस्कर अवार्ड नाम किसने दिया, आज तक किसी को नहीं पता। आज भी ऑफिशियल नाम द एकेडमी अवार्ड ही है जबकि सारी दुनिया इन्हें ऑस्कर अवार्ड के नाम से जानती है।
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