कृत्तिका नक्षत्र, जिसे अंग्रेज़ी में Pleiades या "Seven Sisters" के नाम से जाना जाता है, रात के आकाश में सबसे प्रसिद्ध और आसानी से पहचाने जाने वाले तारा समूहों में से एक है। यह नग्न आंखों से भी स्पष्ट दिखाई देता है और हज़ारों वर्षों से मानव संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। इसकी सांस्कृतिक महत्ता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसका उल्लेख वेद-पुराण और महाकाव्य तक मिलता है। भारतीय ज्योतिष में 27 नक्षत्र में कृतिका एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है।
कृतिका नक्षत्र में सिर्फ 7 नहीं हजारों तारे मौजूद हैं
सदियों से हम इसे कुछ चमकीले सितारों का एक छोटा समूह मानते आए हैं, लेकिन हाल ही में हुई एक वैज्ञानिक खोज ने इस प्राचीन तारा समूह के बारे में हमारी समझ में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है, और जिसे हम सात बहनों का एक छोटा सा झुंड समझते थे, उसे हज़ारों सितारों के एक विशाल साम्राज्य के रूप में प्रकट किया है। आइए देखें कि कैसे आधुनिक तकनीक ने इन प्राचीन सितारों के बारे में हमारी समझ को पूरी तरह से बदल दिया है।
नया वैज्ञानिक रहस्योद्घाटन: कृत्तिका नक्षत्र हमारी सोच से कहीं ज़्यादा बड़ा है
नासा के एक्सोप्लेनेट खोजी अंतरिक्ष यान TESS (ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटेलाइट) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के तारा ट्रैकिंग अंतरिक्ष यान Gaia का उपयोग करके, किए गए हालिया शोध से पता चला है कि कृत्तिका नक्षत्र का परिवार हमारी कल्पना से कहीं ज़्यादा विशाल है। यह खोज खगोल विज्ञान की दुनिया में एक बड़ा मील का पत्थर है, जिसने इस परिचित तारा समूह को देखने का हमारा नज़रिया ही बदल दिया है।
कृतिका नक्षत्र में तारों की संख्या 20 गुना बढ़ गई
वैज्ञानिकों ने यह पाया है कि कृत्तिका नक्षत्र में पहले ज्ञात तारों की तुलना में लगभग 20 गुना अधिक तारे शामिल हैं। यह खोज खगोलविदों की सदियों पुरानी धारणा को चुनौती देती है और इस तारकीय परिवार के वास्तविक पैमाने को उजागर करती है। यह अब केवल कुछ चमकीले तारों का समूह नहीं, बल्कि एक विशाल, फैला हुआ परिवार है।
जैसा कि इस अध्ययन के प्रमुख लेखक एंड्रयू बॉयल ने कहा है:
"यह अध्ययन हमारे कृत्तिका नक्षत्र को देखने के तरीके को बदल देता है। यह सिर्फ सात चमकीले तारे नहीं हैं, बल्कि पूरे आकाश में फैले हज़ारों खोए हुए भाई-बहन हैं।"
खोज के पीछे की तकनीक
यह महत्वपूर्ण खोज दो शक्तिशाली अंतरिक्ष यानों के डेटा के संयोजन से संभव हुई:
- TESS (Transiting Exoplanet Survey Satellite): नासा का एक्सोप्लैनेट खोजने वाला अंतरिक्ष यान।
- Gaia: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का सितारा ट्रैकिंग अंतरिक्ष यान।
इन दोनों अंतरिक्ष यानों से मिले सटीक डेटा ने शोधकर्ताओं को तारों का पहले से कहीं ज़्यादा गहराई से विश्लेषण करने में मदद की।
ब्रह्मांडीय घड़ी
उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय, चैपल हिल (UNC-Chapel Hill) के शोधकर्ताओं ने तारों के "खोए हुए भाई-बहनों" को खोजने के लिए एक नई और अनूठी विधि का उपयोग किया। उन्होंने तारों के घूमने की गति को मापा, जो उनकी आयु निर्धारित करने के लिए एक "ब्रह्मांडीय घड़ी" के रूप में काम करती है।
चूंकि एक ही तारा समूह में जन्मे सभी तारों की आयु लगभग समान होती है, इसलिए समान गति से घूमने वाले तारों की पहचान करके, वैज्ञानिक उन सदस्यों को भी खोज सकते हैं जो समय के साथ मुख्य समूह से दूर चले गए हैं। इस तकनीक ने उन्हें कृत्तिका नक्षत्र के उन हज़ारों सदस्यों को पहचानने में मदद की जो अब तक छिपे हुए थे।
यह खोज सिर्फ कृत्तिका नक्षत्र के बारे में नहीं है; यह हमारी आकाशगंगा को समझने के लिए एक नया दरवाज़ा खोलती है। UNC-चैपल हिल के शोधकर्ताओं की इस महत्वपूर्ण खोज को प्रतिष्ठित 'द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल' में प्रकाशित किया गया है।
इस खोज का महत्व क्यों है?
यह शोध केवल एक तारा समूह के आकार को फिर से परिभाषित करने से कहीं बढ़कर है। इसके दूरगामी परिणाम हैं जो तारों और हमारी आकाशगंगा के बारे में हमारी समझ को बदल सकते हैं।
1. तारकीय परिवारों को फिर से परिभाषित करना (Redefining Stellar Families):
यह नई तकनीक हमें यह दिखा सकती है कि जिन तारा समूहों को हम पहले अलग-अलग मानते थे, वे वास्तव में विशाल और विस्तारित तारकीय परिवारों का हिस्सा हो सकते हैं। जैसा कि टीम के सदस्य एंड्रयू मान बताते हैं, "हम महसूस कर रहे हैं कि सूर्य के पास के कई तारे जटिल संरचनाओं वाले विशाल विस्तारित तारकीय परिवारों का हिस्सा हैं।" यह विधि हमें इन छिपे हुए संबंधों को उजागर करने का एक नया तरीका प्रदान करती है।
2. आकाशगंगा के रहस्यों को उजागर करना (Unlocking Galactic Secrets):
इस विधि का भविष्य में और भी बड़ा उपयोग हो सकता है। वैज्ञानिक इसका उपयोग हमारे अपने सूर्य के तारकीय परिवार का पता लगाने के लिए कर सकते हैं। यदि हम उन तारों को खोज सकें जिनका जन्म हमारे सूर्य के साथ हुआ था, तो इससे हमें यह समझने में बहुत मदद मिलेगी कि हमारा सौर मंडल और हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे, कैसे बनी। एंड्रयू बॉयल के शब्दों में, "तारों के घूमने की गति को मापकर, हम उन तारकीय समूहों की पहचान कर सकते हैं जो पारंपरिक तरीकों से पता लगाने के लिए बहुत बिखरे हुए हैं - यह हमारी आकाशगंगा की छिपी हुई वास्तुकला में एक नई खिड़की खोलता है।"
इस प्रकार, जो प्राचीन काल में केवल सात बहनों की कहानी थी, वह अब हज़ारों सितारों के एक विशाल परिवार की गाथा बन गई है।
अतीत में मिलती हैं भविष्य की जड़े
कृत्तिका नक्षत्र की यह कहानी दर्शाती है कि कैसे सदियों पहले जब विज्ञान इतना आधुनिक नहीं था तब भी विशेषज्ञों ने कृतिका जैसे नक्षत्र का उल्लेख कर दिया था। जिसके कारण आज वैज्ञानिक कृतिका नक्षत्र के पूरे विस्तार को जान सकते हैं। प्राचीन सभ्यताओं ने कृतिका नक्षत्र को सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रतीक बनाकर उसे भविष्य की खोज के लिए सुरक्षित कर दिया। और आज वह आधुनिक विज्ञान के लिए एक विशाल, फैला हुआ तारकीय परिवार बन गया है। यह खोज हमें याद दिलाती है कि ब्रह्मांड के रहस्य अनंत हैं, और हर नई तकनीक के साथ हम न केवल सितारों के बारे में सीखते हैं, बल्कि ब्रह्मांड में अपनी जगह को समझने के और भी करीब आते हैं।
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