भोपाल, 15 नवंबर 2025: मध्य प्रदेश के सागर में जिला शिक्षा अधिकारी ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें लिखा है कि दिनांक 14 नवंबर के बाद यदि कोई भी अतिथि शिक्षक सुबह 10:00 बजे के बाद विद्यालय में पहुंचता है तो उसके खिलाफ सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाए। यह सर्कुलर पूरी तरह से नियम विरुद्ध है और अतिथि शिक्षकों से अवैध वसूली के लिए लिखा गया प्रतीत होता है।
सागर के जिला शिक्षा अधिकारी का नियम विरुद्ध
जिला शिक्षा अधिकारी सागर ने सर्कुलर नंबर अतिथि शिक्षक/ निरीक्षण/ 2025/ 10183 के माध्यम से समस्त संकुल प्राचार्य को निर्देशित करते हुए लिखा है कि, स्कूलों के निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। सेवा समाप्ति से पहले उनका अंतिम सुनवाई का अवसर देते हुए इस कार्यालय में व्यक्तिगत सुनवाई की जा रही है। निर्देशित किया जाता है कि आज दिनांक 14 नवंबर 2025 के बाद जो भी अतिथि शिक्षक प्राप्त 10:00 बजे के बाद विद्यालय में उपस्थित होता है अथवा अनुपस्थित रहता है, ऐसे अतिथि शिक्षक की तत्काल सेवा समाप्त करने की कार्रवाई करें और इस कार्यालय को सूचित करें।
सर्कुलर में गलत क्या है
सुप्रीम कोर्ट के अनेक निर्णय के अनुसार, शासन के लिए काम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति चाहे उसे किसी भी प्रकार से भुगतान किया जाता हो, शासकीय सेवक होता है और कर्मचारियों के समान दर्जा रखता है। सिविल सेवा नियम के अनुसार कर्तव्य पर देरी से उपस्थित होने अथवा बिना सूचना अथवा बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने की स्थिति में नोटिस देकर वेतन काटा जा सकता है। यदि कर्मचारी लगातार अनुपस्थित है और रजिस्टर में दर्ज पते पर उपलब्ध नहीं है, तो निलंबित किया जा सकता है। सेवा समाप्ति की कार्रवाई इसके बाद शुरू होती है। सिर्फ एक दिन की अनुपस्थिति अथवा सिर्फ एक दिन देरी से आने के कारण सेवा समाप्ति की कार्रवाई किसी भी प्रकार से नहीं की जा सकती।
अतिथि शिक्षकों से अवैध वसूली की जाएगी?
सर्कुलर में जिला शिक्षा अधिकारी ने लिखा है कि, कार्यालय में व्यक्तिगत सुनवाई की जा रही है। "व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान संतोषजनक उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में अतिथि शिक्षकों की सेवाएं तत्काल समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।" यह भाषा, वसूली की भाषा है। सर्कुलर में कहीं भी किसी भी नियम और प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है। सर्कुलर इस प्रकार से लिखा गया है मानो सागर का जिला शिक्षा विभाग किसी व्यक्ति को ठेके पर दे दिया गया है।
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