पूर्वजों की संपत्ति पर संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों का हक होता है एवं हिंदू संयुक्त परिवार का मुखिया ऐसी संपत्ति को संभालकर रखता है लेकिन सवाल यह है कि क्या कोई संयुक्त परिवार का मुखिया ऐसी संपत्ति का विक्रय कर सकता है जिस संपत्ति पर सभी परिवार का हक हो। पढ़िए संयुक्त परिवार की संपत्ति विवाद से संबंधित सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण जजमेंट:-
बी.रेड्डी दसरथामी रेड्डी बनाम वी. मंजूनाथ एवं एक अन्य"(निर्णय वर्ष 2021):- उच्चतम न्यायालय द्वारा अभिनिर्धारित किया गया कि संयुक्त हिन्दू परिवार का कर्ता या उसकी अनुपस्थिति में परिवार का वरिष्ठ सदस्य परिवार की केवल विधिक आवश्यकता एवं संपत्ति के लाभ की स्थिति में संयुक्त परिवार की किसी संपत्ति को बेच सकता है। पुत्र या संयुक्त परिवार का कोई भी सदस्य उनको रोक नहीं सकता न ही आपत्ति लगा सकता है।
विधिक आवश्कता क्या है जानिए:-
1. सरकारी राजस्व और ऋण का भुगतान जो पारिवारिक संपत्ति से देय है।
2. संयुक्त परिवार के सदस्यों के भरण पोषण के लिए।
3. परिवार की पुत्र या पुत्री के विवाह के लिए।
4. पारिवारिक उत्सव या आवश्यक शवदाह के लिए।
5. संपत्ति की रक्षा या पुनः प्राप्ति में आवश्यक मुकदमेबाजी के लिए।
6. गंभीर अपराध के आरोप में बंद परिवार के मुखिया या अन्य सदस्यों के बचाव के लिए।
7. पारिवारिक व्यापार या अन्य प्रयोजन के लिए लिए गए ऋण को चुकाने के लिए।
उपर्युक्त विधिक आवश्यकता के लिए सयुंक्त परिवार का कर्ता या मुखिया संयुक्त संपत्ति का विक्रय कर सकता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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