आपराधिक मामले में भारत से बाहर इन्वेस्टिगेशन कैसे किया जाता है जानिए - CrPC SECTION-166 (क)

बहुत सी ऐसी घटनाएं हो जाती है कि व्यक्ति भारत में अपराध करता है और वह विदेश भाग जाए या विदेश में रहने वाले भारत के किसी अपराधी के कोई साक्ष्य को विदेश से बुलवाना हैं तब पुलिस अधिकारी कैसे ऐसे दस्तावेजो या साक्ष्यों को मंगवायेगा जो वह साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत कर सके जानते हैं। 

दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 166 (क) की परिभाषा:-

1. अगर कोई पुलिस अधिकारी अर्थात SI, ASI या TI किसी से संज्ञेय अपराध का इन्वेस्टिगेशन कर रहा है। तब उक्त अन्वेषण अधिकारी दाण्डिक न्यायालय के द्वारा एक अनुरोध-पत्र उस देश को भेजेगा जिस देश से उसे साक्ष्य की आवश्यकता है। उस देश का कर्तव्य होगा कि वह अनुरोध पत्र का पालन करे एवं साक्ष्य में मिले दस्तावेज को या संबंधित वस्तुओं को दाण्डिक न्यायालय को भेजे।

2. लेकिन किसी भी बाहरी देश में अनुरोध पत्र भेजने से पहले भारत सरकार से अनुमति लेना एवं भारत सरकार को सूचित करना अति आवश्यक होता है। क्योंकि किस देश के साथ कौनसी संधि हुई है यह केंद्रीय सरकार का निजी मामला होता है।

नोट:- विदेश अर्थात बाहरी देश से प्राप्त दस्तावेज, वस्तु कोई आपराधिक तथ्य आदि साक्ष्य के रूप में न्यायालय के अंतर्गत ठोस सबूत हो सकते हैं। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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