हवाई जहाज की स्पीड कितनी होती है, 1973 में क्यों घटाई गई थी- GK in Hindi

इन दिनों सारी दुनिया में तेज गति से चलने वाले वाहनों का निर्माण हो रहा है। दुनिया के कई देश 450 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड से चलने वाली बुलेट ट्रेन बना रहे हैं। कुल मिलाकर यात्रियों के लिए स्पीड इंपॉर्टेंट हो गई है। यदि किसी को बहुत ज्यादा समय बचाना होता है तो वह हवाई यात्रा करता है। क्वेश्चन यह है कि हवाई जहाज की स्पीड कितनी होती है। 

passenger aircraft यानी बड़े अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान की स्पीड औसत 880 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। निर्धारित नियमों के अनुसार इसे 926 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड तक बढ़ाया जा सकता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 1973 से पहले यात्री विमानों की स्पीड 1000 किलोमीटर प्रति घंटा औसत हुआ करती थी। कुछ बड़े अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान 1200 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड तक उड़ान भरते थे।

दुनिया की स्पीड बढ़ रही है, हवाई जहाज की स्पीड क्यों घटाई 

अब प्रश्न उपस्थित होता है कि जब सारी दुनिया की स्पीड बढ़ रही है और स्पीड के कारण ही यात्री हवाई जहाज का चयन करते हैं तो फिर एयरलाइंस कंपनियों ने हवाई जहाज की स्पीड क्यों घटाई। दरअसल इसके पीछे यात्रियों की सुरक्षा नहीं बल्कि कंपनियों की कमाई सबसे प्रमुख कारण है। सन 1973 में एक्सपेरिमेंट के दौरान पाया गया कि यदि यात्री विमानों की स्पीड थोड़ी कम कर दी जाए तो उसके फ्यूल एक्सपेंस भी कम हो जाएंगे। ज्यादा तेजी से उड़ने वाला यात्री विमान ज्यादा मात्रा में फ्यूल खर्च करता है। थोड़ा पैसा बचाने के लिए हवाई जहाजों की स्पीड कम कर दी गई।

दुनिया में सबसे तेज गति से उड़ने वाला विमान 

ऐसा नहीं है कि दुनिया के सभी विमान औसत 900 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से उड़ते हैं। कुछ विमान ऐसे भी हैं जो अपनी स्पीड के लिए पहचाने जाते हैं। दुनिया में सबसे तेज गति से उड़ने वाला हवाई जहाज है अमेरिकी SR-71 Blackbird. जनवरी 2021 की स्थिति में इस अमेरिकी विमान की स्पीड 3500 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है। 

हवाई जहाज जमीन से कितनी ऊंचाई पर उड़ता है 

आमतौर पर हवाई जहाज 9-13 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ते हैं परंतु यह उनका अधिकतम नहीं है। यात्री विमानों में सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है इसलिए यह विमान केवल उतनी ही ऊंचाई पर उड़ाए जाते हैं जहां तक ऑक्सीजन का लेवल निर्धारित आवश्यकता के लिए कम न पड़ता हो। वैसे यात्री विमानों को 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ाया गया है। ऐसा इमरजेंसी की स्थिति में किया जाता है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन लेवल लगभग जीरो हो जाता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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