पुष्पक विमान किस ईंधन से चलता था, पेट्रोल और बैटरी तो उस समय होते नहीं थे - GK in Hindi

पुष्पक विमान का अस्तित्व प्रमाणित हो चुका है। रामायण काल में ईंधन के रूप में पेट्रोल अथवा बैटरी के उपयोग के प्रमाण नहीं मिलते। ऐसे में प्रश्न उपस्थित होता है कि रावण के पास जो पुष्पक विमान था उसमें कौन सा ईंधन उपयोग किया जाता था। एक अन्य प्रश्न यह है कि पुष्पक विमान फाइटर प्लेन जैसा था या फिर प्राइवेट जेट जैसा। आइए जानते हैं पुष्पक विमान की खास बात क्या थी और क्या दुनिया में इसके समकक्ष कोई दूसरा विमान भी था। 

पुष्पक विमान की आकृति एवं सुविधाएं

श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड के सप्तम अध्याय में पुष्पक विमान के बारे में जानकारी दी गई है। बताया गया है कि पुष्पक विमान की आकृति मोर के समान थी। इसका आकार बढ़ाया जा सकता था। एक प्राइवेट जेट की तरह इसके अंदर सभी आरामदायक सुविधाएं उपलब्ध थी। रावण जिस कुर्सी पर बैठता था, वह बहुमूल्य नीलम पत्थर की बनी हुई थी। विमान पूरी तरह से वातानुकूलित था। इस सबके अलावा इंधन के बारे में लिखा है कि पुष्पक विमान अग्नि और वायु ऊर्जा से उड़ान भरता था। 

क्या पुष्पक विमान सौर ऊर्जा से चलता था

प्रथम दृष्टया विचार करें तो प्रतीत होता है कि पुष्पक विमान सौर ऊर्जा से चलता था। क्योंकि अग्नि सूर्य का ही स्वरूप है परंतु श्री रामचरितमानस में यह भी बताया गया है कि पुष्पक विमान दिन एवं रात्रि काल में समान रूप से उड़ान भर सकता था। इस हिसाब से पुष्पक विमान सौर ऊर्जा से नहीं चल सकता था, क्योंकि उस समय इनवर्टर और बैटरी के प्रमाण नहीं मिलते। अग्नि के प्रमाण मिलते हैं। यानी पुष्पक विमान में ईंधन के रूप में कोयले का उपयोग किया जाता था। 

क्या कोयला ईंधन से विमान उड़ाया जा सकता है

निश्चित रूप से कोयला एक शक्तिशाली ईंधन है। कुछ वर्षों पहले तक भारी भरकम रेलगाड़ियों में कोयले को ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता था। 'अग्नि और वायु' दोनों की उपस्थिति कोयले के मामले में प्रमाणित होती है। क्योंकि कोयले का ईंधन के रूप में उपयोग करने के लिए अग्नि और वायु दोनों की आवश्यकता होती है। 

पुष्पक जैसा एक और विमान था

स्कंद पुराण के खंड तीन अध्याय 23 में इसका उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि ऋषि कर्दम ने अपनी पत्नी के लिए एक विमान बनाया था। इस विमान के जरिए कहीं भी आया जाया जा सकता था। ऋषि कर्दम के बनाए विमान में भी पुष्पक विमान वाली खूबियां थीं।

पुष्पक विमान एक प्राइवेट जेट था, लेकिन फाइटर प्लेन की विशेषताएं भी थी 

श्री वाल्मीकि रामायण में बताया गया है कि पुष्पक विमान में यात्रियों की सुविधाओं के लिए सभी प्रकार के उपकरण उपलब्ध थे लेकिन यह विमान किसी भी प्रकार के हमले से यात्रियों को बचाने में सक्षम था। यह एक लड़ाकू विमान की तरह दुश्मन पर हमला करने में सक्षम था। इसके अंदर बड़ी संख्या में सैनिकों को छुपा कर ले जाया जा सकता था। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

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