प्रति, कलेक्टर महोदय, जबलपुर! मै आपसे अपने ऊपर और अन्य आधार ऑपरेटरों के ऊपर किए जा रहे अन्याय को बतलाना चाहता हूँ। हम लोग आधार केंद्र में आधार बनाकर आने वाले पैसे से अपनी रोजी रोटी का इंतजाम कर रहे है। पर अब यह काम भी छीन लिया गया है। पूरे जबलपुर में सिर्फ और सिर्फ अपने ऑपरेटर दिहाड़ी ₹200 दिन आधार पर लगाकर अपना सिंडिकेट बनाकर काम किया जाने लगा है। विगत 10-12 माह से हम लोगो का घर चलाना मुश्किल हो गया है।
मध्यप्रदेश में समस्त जिलों में आधार केंद्रों का संचालन वर्तमान में जिला ई गवर्नेस प्रबंधकों के माध्यम से मध्यप्रदेश इलेक्ट्रानिक विकास निगम (MPSEDC) द्वारा किया जा रहा है। जिसके लिए प्राइवेट, शासकीय आधार मशीनों, आधार केंद्रों का आवंटन जिला प्रबंधक द्वारा एक नियम के तहत किया जाना था। यह कार्य करने के लिए आवेदक से लिये जाने वाली फीस का कुछ हिस्सा शुल्क के रूप में शासन को जमा कराया जाना निर्धारित है। जो कि बायोमैट्रिक अपडेट किये जाने पर 28 रुपए और एड्रेस सुधार का 14 रुपए प्रति आवेदन शासन को जमा किया जाना था। यह प्रतिदिन, प्रति सप्ताह, प्रति माह जमा किए जाने वाला EOD राशी का सारा का सारा पैसा जिला ई गवर्नेंस द्वारा विगत 7 वर्षों से प्राइवेट, शासकीय सभी मशीन में काम कर रहे हम लोगो से प्रतिमाह CASH लिया गया एवं शासन के खाते में नहीं जमा कराया गया बल्कि अपने पास रखा गया जो कुल मिलाकर आज दिनांक तक कम से कम 1 करोड़ से 1.5 करोड़ रुपए तक हो गया है।
जो कि सीधे सीधे सरकारी पैसे का दुरुपयोग एवं गवन किया गया है। इस पैसे के गवन में स्टाफ शामिल हैं। यह सभी के सभी आधार सम्बंधित कामों को उच्च अधिकारियों से छुपा कर रखते है और भोपाल ऑफिस से आने वाले किसी भी दस्तावेज को छुपा लेते है, मेल से डिलीट कर देते है ताकि किसी भी अधिकारी को थोड़ी भी जानकारी ना पता चल सके। जिसका फायदा उठाकर यह घोटाला किया गया है। सर आवेदक का नया आधार बनाने पर UIDAI संस्था द्वारा प्रति आधार जो राशि आधार ऑपरेटर को दिया जाता है, वह राशि हम लोगो द्वारा बार बार मांगने के बाद भी आज तक किसी भी ऑपरेटर को नहीं दिया गया है हर बार अलग अलग बहाने बनाकर मना किया जाता है।
आज दिनाक तक जबलपुर जिले में पिछ्ले 7 वर्षी में सैकड़ों आपरेटरों द्वारा कार्य किया जा चुका है, टेबलेट से बच्चों का आधार पंजीयन करने वाले ऑपरेटर भी हैं, जो इन्ही के कृपा पर मशीन मिली जिसके चलते हममे से किसी एक ऑपरेटर का भी सरकार से आने वाला आधार का पेमेंट नही किया गया, पूर्व में नियुक्त सभी केन्द्रों के वेरिफायर जो की रिटायर्ड शासकीय कर्मचारी थे उनका भी मानदेय जमा किये गए EOD राशी से दिया जाना था जो की आज तक किसी का नहीं दिया गया है, जिस कारण शासन के बैंक खाते में बैलेंस बराबर हो जाता है एवं किसी बड़े अधिकारी की जानकारी में यह घोटाला उजागर नहीं हो पाया है।
शासकीय किट बिना एग्रीमेंट के अपने लोगों को बांट दिया गया है एवं बांड का पैसा भी CASH लिया गया, ना बॉन्ड किया गया ना ही पैसा शासकीय खाते में जमा किया गया है। लोकसेवा केंद्रों को आवंटित शासकीय आधार मशीनें बिना अनुबन्ध के अपने लोगों को देकर सिंडिकेट बनाकर CASH पैसा लिया गया उसका पैसा शासकीय खाते में जमा नहीं किया गया एवं लोकसेवा केंद्र संचालकों से लेन देन करके शासन की VGF राशि को भी बांट दिया गया जबकि आधार कार्य को भी सर्विस मानकर VGF कटौती किया जाना था जो कि लाखों रूपये बांटने पर 20% कमीशन खा लिया गया।
महोदय जी ईगवर्नेंस के आधार संबंधित शासकीय खाते की जानकारी भी किसी अधिकारी को नहीं है। बारीकी से जांच कराने एवं विगत 7 वर्षों में कार्य कर चुके सभी आधार ओपेटरों की सूची एवं उनसे ली जाने वाली राशि एवं दी जाने वाली राशि की जांच कर शासकीय राशि का गवन किये जाने पर उनके खिलाफ कार्यवाही करने का कष्ट करें जिससे हमें न्याय मिले। इनकी मिलीभगत भोपाल mpsedc के अधिकारियों से भी है। जिस कारण विगत 7 वर्षों से हम लोगो से हर बार आधार मशीन चालू करवाने और ऑपरेटर आईडी भोपाल से एक्टिवेट कराने 25 हजार से 50 हजार लिया गया जो टोटल ऑपरेटरों का मिलाकर 1 करोड़ से ज्यादा हो गया है।
महोदय जी शासन द्वारा सभी जिले के कुछ विभागों को अपने हितग्राहियों का 100 प्रतिशत आधार बनाए जाने के लिए आधार किट उपलब्ध कराई गई हैं, इन 40-50 मशीनों का आवंटन फिर से बिना ई- टेंडर प्रक्रिया या लॉटरी सिस्टम अपनाये केवल समाचार पत्र में विज्ञापन जारी कर पहले आओ पहले पाओ विधी से गूगल फॉर्म पर आवेदन एंट्री कराई गई है एवं इसका कंट्रोल स्वयं की अपनी id में रखा गया है। जिस पर छेड़खानी या क्रम निर्धारण आसानी से संभव है। महोदय जी यह सभी शासकीय आधार मशीन स्वयं के लोगों को दिलाने के लिए विज्ञापन जान बूझ कर बैंक closing के एक दिन पहले शनिवार 30/03/2025 को जारी किया गया जिससे अहर्ता शर्तों के अनुसार 2 लाख की बैंक DD बनाये जाने के लिए पर्याप्त समय ना मिल पाए एवं 15 20 हजार कमाने वाले हम आधार ऑपरेटर 2-2 लाख कैसे जमा करके आधार मशीन लेने भाग ले पाएंगे।
आवंटन की शर्तों में सेंटर NOC की शर्त 3 माह पूर्व की रखी गयी जिससे अपने लोगों को पूर्व में ही NOC दिला दिया गया एवं समस्त शासकीय केंद्रों को किसी अन्य ऑपरेटर जो इनके ना हो को अनुमति NOC देने के लिए मना कर दिया गया था। अपने ओपेटरों के खाते में 2-2 लाख जमा करा कर सभी अहर्ता शर्तें पहले ही पूर्ण करवा ली गयी हैं, महोदय जी इसकी जांच करना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है की शासकीय किट प्राप्त करने वाले लोगों के खाते में 2 लाख रुपये कैसे जमा हुए हैं। यह वही शासन के खाते में जमा किये जाने पैसा है साथ ही जांच का विषय यह भी होना चाहिए कि कहीं यह हवाला से आया पैसा ब्लैक मनी का उपयोग तो नहीं किया गया और DD बनने की दिनांक कब की है। इस आधार आवंटन प्रक्रिया को निरस्त करते हुए अन्य जिलों जैसी सामान्य प्रक्रिया अपनाई जाने का अनुरोध है। यदि यह प्रक्रिया हो गई तो आधार केंद्रों का सिंडिकेट बनाकर पूरे जिले में आधार संचालन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में संभावित नाम मै आपको दे रहा हूँ।
महोदय 7 वर्षों से वर्तमान तक आधार का काम कर रहे समस्त ओपेटरों की सूची MPSEDC से मांग कर जितनी मशीन चलाई गई हैं इनकी जांच कर उनके कार्य अनुबंध पत्र, सुरक्षा निधि 25000 रुपये, उनके द्वारा जमा की जाने वाली मासिक EOD राशि एवम उनको प्राप्त होने वाली राशि सभी का हिसाब किताब शासकीय खाते की जांच मदवार प्राप्त राशि किस मद के लिए प्राप्त है अलग-अलग कर इनको पद से हटाकर जांच की जाए अन्यथा यह पूर्व की तरह ही राजनैतिक संबंधों का उपयोग कर जांच को प्रभावित कर सकते हैं, साथ ही इनके समस्त स्टाफ की जांच की जाए।
निवेदन है कि, हमें न्याय दिलवाने की कृपा करें, हमारे 40-50 परिवार बहुत ही कष्ट में है एवं केवल आपसे न्याय की पूरी उम्मीद है।