दर्पण के पीछे कौन सा पदार्थ लगा होता है, जो पारदर्शी से परावर्ती बन जाता है - GK in Hindi

कांच और दर्पण में बड़ा अंतर होता है। कांच पारदर्शी होता है जबकि दर्पण हमें हमारा प्रतिबिंब दिखाता है। जरा सोचिए यदि दुनिया में दर्पण नहीं होते तो क्या होता है। सवाल यह भी है कि दुनिया में जब दर्पण नहीं थे, तब शाही परिवारों की महिलाएं श्रंगार कैसे करती थी। जवाब, अपन सभी जानते हैं। एक खास किस्म के बर्तन में पानी भर दिया जाता था जिसमें प्रतिबिंब दिखाई देता था। ताजा प्रश्न यह है कि कांच पर ऐसा कौन सा पदार्थ लगा दिया जाता है जिसके कारण वह परावर्तन की प्रक्रिया करने लगता है।

सबसे पहले समझिए कांच कैसे बनता है

कई लोगों को शायद नहीं पता होगा, कांच रेत (Silica, SiO2) से बनता है। रेत के साथ कुछ केमिकल और सामग्री मिक्स करके उन्हें 1500 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाता है। ऐसा करने से सभी पदार्थ तरल बन जाते हैं।फिर इस तरल पदार्थ को जो आकार देना होता है, उसकी डमी में डाल दिया जाता है। इस प्रकार कांच का निर्माण और कांच की वस्तु का निर्माण हो जाता है। जानना जरूरी है कि काँच का आविष्कार मिस्र या मैसोपोटामिया में लगभग ढाई हज़ार साल ईसा पूर्व हुआ था। काँच, ठोस नहीं एक अतिशीत द्रव ( Supercool liquid ) है। यह हमेशा से सजावट की वस्तु रहा है। 

दर्पण कैसे बनाया जाता है 

कांच की सीधी प्लेट को प्रोसेस करके सबसे पहले उसे अधिकतम पारदर्शी बना दिया जाता है। जब कांच की पारदर्शिता 90% से अधिक हो जाती है तब उसके एक हिस्से पर चांदी का केमिकल अथवा तांबे का केमिकल लगाया जाता है। उसे मजबूत करने के लिए ऊपर से पेंट कर दिया जाता है। इस प्रकार पारदर्शी कांच, परावर्तन करने वाला दर्पण बन जाता है।  यदि यह सिल्वर पेंट कांच के अलावा आप किसी दूसरी वस्तु पर करेंगे तो उस पर भी प्रकाश का परावर्तन दिखाई देगा। आजकल कई वस्तुओं पर दर्पण वाला सिल्वर पेंट करने का फैशन चल पड़ा है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article

मजेदार जानकारियों से भरे कुछ लेख जो पसंद किए जा रहे हैं

(general knowledge in hindi, gk questions, gk questions in hindi, gk in hindi,  general knowledge questions with answers, gk questions for kids, ) :- यदि आपके पास भी हैं कोई मजेदार एवं आमजनों के लिए उपयोगी जानकारी तो कृपया हमें ईमेल करें। editorbhopalsamachar@gmail.com

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !