RAIL SAMACHAR: जबलपुर स्टेशन से पैसेंजर की जगह मेमू ट्रेन चलाने की तैयारी

जबलपुर।
 मध्य प्रदेश के जबलपुर स्टेशन से पैसेंजर ट्रेनों की जगह अब मेमू ट्रेनें लेंगी। इटारसी-जबलपुर-सतना के बीच मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट) चलाने की तैयारी है। पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) ने रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेज दिया है। सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई के आखिरी या अगस्त के पहले सप्ताह यह चालू हो जाएगा।

जबलपुर-इटारसी और कटनी रूट पर बड़ी संख्या में डेली पैसेंजर अप-डाउन करते हैं। पैसेंजर ट्रेन बंद होने से ऐसे यात्रियों को परेशानी हो रही थी। अब पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली मेमू चलाने की तैयारी है। अत्याधुनिक फीचर से लैस मेमू में यात्री सुविधा से लेकर सेफ्टी फीचर भी दिए गए हैं। मेमू के हर कोच में कैमरे लगे रहेंगे। वहीं, कोच में स्टील की कुर्सी लगेगी। बायो टॉयलेट रहेगा। जीपीएस से कोच लैस होंगे। हर स्टेशन की जानकारी अंदर बैठे पैसेंजर को मिलेगी। डिजिटल डिस्प्ले रहेगा।

रेलवे की तैयारी एक मेमू जबलपुर से इटारसी के बीच में और दूसरा मेमू जबलपुर से सतना तक चलाने की है। मेमू के न्यूनतम 8 कोच 6 ट्रेलर कोच और 2 मोटर कोच होते हैं। ड्राइविंग कोच में 55 सीट तो ट्रेलर वाले में 84 सीट होती है। 8 कोच वाले मेमू में 650 यात्री सीट पर बैठकर यात्रा कर सकते हैं। इसमें खड़े होकर यात्रा करने वालों की भी सुविधा रहती है।

टेक्नोलॉजी बेस पर होगी मेमू

मेमू थ्री फेस टेक्नोलॉजी बेस पर होगी। इसमें जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे और अलार्म चेन के पास पुश बटन होगा। ड्राइविंग कैब एयरकंडीशन वाला होगा। कोच की हर गतिविधि ड्राइविंग कैब में बैठकर देखा जा सकेगा। साफ-सफाई की उत्तम व्यवस्था रहेगी। इसके विंडो बड़े आकार के होंगे। यह जल्द रफ्तार पकड़ने के साथ जल्दी रुक भी सकती है।

रेलवे ने मेमू ट्रेन चलाने से पहले ट्रेन के रूट और समय की समीक्षा शुरू कर दी है। दरअसल पमरे पैसेंजर ट्रेन के स्थान पर मेमू चलाने की तैयारी है। इस कारण पैसेंजर ट्रेन के समय और रूट दोनों का सर्वे कर समीक्षा किया जा रहा है। जिससे यात्रियों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके। सर्वे के बाद ही तय होगा कि किस रूट पर कितने कोच का मेमू चलेगा। अभी जोन में कटनी से बीना के बीच मेमू चलाई जा रही है।

जबलपुर रेल मंडल के इन रूटों की समीक्षा

इटारसी-जबलपुर मार्ग पर अभी लंबी दूरी की ट्रेन चलती है। पैसेंजर बंद होने से बीच के स्टेशनों के यात्रियों को परेशानी होती है।
जबलपुर-सतना मार्ग पर भी बड़ी संख्या में अप-डाउन करने वाले लोग शामिल हैं। मेमू से जहां कम समय लगेगा वहीं पैसे की भी बचत होगी।
कटनी-सिंगरौली मार्ग पर पहले इंटरसिटी चलती थी, लेकिन ये बंद है। मेमू चलाने से इस रूट पर भी फायदा मिलेगा।
रीवा-मानिकपुर मार्ग पर सतना होकर भी मेमू चलाई जा सकती है। इस रूट पर भी बड़ी संख्या में पैसेंजर निकलते हैं।
इटारसी-जबलपुर-सतना के बीच में मेमू ट्रेन चलाने की तैयारी हैं। रेलवे बोर्ड से इसकी स्वीकृति मांगी है। उम्मीद है कि जुलाई के आखिरी या अगस्त के शुरूआत सप्ताह में इसकी स्वीकृति मिल जाएगी।"
राहुल जयपुरिया, सीपीआरओ, पमरे

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