NIWARI के एक गांव में 60 में से 40 पॉजिटिव, सिर्फ 1 सरकारी चूक का नतीजा - MP NEWS

भोपाल। सरकारी अधिकारी, डॉक्टर और कुछ नेता इसके लिए जनता को जिम्मेदार बता सकते हैं लेकिन हकीकत यह है कि सिर्फ एक सरकारी चूक के कारण मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के एक गांव में 60 लोग बीमार हो गए जिसमें से 40 कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए। आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ सकती है और किसी अनहोनी से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बावजूद शादी समारोह में शामिल हुआ

मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की पृथ्वीपुर तहसील के लुहरगुवां गांव में 27 अप्रैल को अरुण मिश्रा (24) की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। बावजूद उसे होम आइसोलेट नहीं कराया गया। वह 29 अप्रैल को गांव में हुए विवाह समारोह में भी शामिल हुआ। पंगत में खाना भी परोसा। दूसरे दिन 30 अप्रैल को लुहरगुवां से उप्र के ललितपुर के भुचेरा गांव में बरात में शामिल हुआ। यहां सभी के साथ डांस किया। वरमाला के समय दूूल्हा-दुल्हन के साथ फोटो खिंचवाई। 

लुहरगुवां गांव में 60 ने जांच कराई 40 पॉजिटिव

1 मई को बरात गांव वापस लौटी। इसके बाद संक्रमित युवक गांव में घूमता रहा। इसी बीच, गांव के लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। 60 से अधिक लोगों ने कोरोना की जांच कराई। इसमें करीब 40 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। खबर लगते ही हड़कंप मच गया। 

पूरा गांव रेड जोन घोषित, आने-जाने पर प्रतिबंध, पुलिस तैनात

निवाड़ी कलेक्टर आशीष भार्गव ने लुहरगुवां गांव को रेड जोन घोषित कर दिया। बुधवार को पृथ्वीपुर एसडीएम तरुण जैन के साथ तहसीलदार व अन्य कर्मचारी गांव पहुंचे। गांव के सभी रास्तों को लकड़ियां लगाकर बंद किया गया। रास्तों पर लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित की गई। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल तैनात किया गया, ताकि कोई भी ग्रामीण घर से बाहर न घूम सके।

स्वास्थ्य विभाग ने पॉजिटिव मरीज को दवाई तक नहीं दी 

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की जानलेवा लापरवाही सामने आई है। युवक ने 24 अप्रैल को सिंपल दिया था। 27 अप्रैल की रिपोर्ट में उसे पॉजिटिव बताया गया था। बावजूद इसके ना तो युवक को दवाइयां दी गई, ना कोई फीडबैक लिया गया। यहां तक कि यह भी सुनिश्चित नहीं किया गया कि युवक होम आइसोलेशन में है या नहीं है। जबकि सरकारी रिपोर्ट के अनुसार संक्रमित मरीजों से जिम्मेदार डॉक्टर हर रोज बात कर रहे हैं।

सरपंच सचिव को भी कुछ नहीं बताया 

इसे लापरवाही नहीं बल्कि जनता को लावारिस छोड़ देने का अपराध कहा जाना चाहिए। प्रशासन ने अपने स्तर पर तो कोई कार्यवाही नहीं की, गांव के सरपंच-सचिव एवं अन्य मैदानी कर्मचारियों को भी इसकी जानकारी नहीं दी। युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद किसी को जानकारी नहीं दी गई। इसी कारण गांव में संक्रमण फैला। स्थिति यह है, संक्रमित युवक के मोहल्ले में 20 से अधिक लोग चपेट में आए हैं। गांव में टीमें मरीजों को दवाएं बांट रही हैं।

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