भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित पूरी सरकार लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि मध्य प्रदेश में कोरोनावायरस का संक्रमण कम हो रहा है परंतु ध्यान देने की जरूरत है कि यह अब भी खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। संक्रमण की दर 2.5% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए जबकि आज की सरकारी रिपोर्ट में 18.5% है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट बताती है कि मध्य प्रदेश के 36 जिलों में पिछले 24 घंटों में 100 से ज्यादा नागरिक संक्रमित मिले हैं। यानी इन इलाकों में हर भीड़ के बीच वायरस मौजूद है।
मध्य प्रदेश में सबसे खतरनाक स्थिति वाले जिलों की संख्या 27
इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, रतलाम, रीवा, बैतूल, धार, विदिशा, सतना, शिवपुरी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, कटनी, शहडोल, सीहोर, रायसेन, मुरैना, सिंगरौली, मंदसौर, नीमच, सीधी, टीकमगढ़, दतिया और निवाड़ी ऐसे जिले हैं जहां कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या 1000 से अधिक चल रही है। इंदौर में 12000, भोपाल 11000, ग्वालियर 8000 और जबलपुर 4000 से अधिक के साथ सबसे खतरनाक स्थिति में है।
मध्य प्रदेश के 7 जिले जहां स्थिति नियंत्रण में है
बुरहानपुर, भिंड, आगर मालवा, अलीराजपुर, खंडवा, हरदा और छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां एक्टिव केस की संख्या 500 से कम है। निश्चित रूप से इन जिलों में कलेक्टर एवं तमाम कोरोना कंट्रोल टीम सफलतापूर्वक काम कर रही है। यह सभी अभिवादन के पात्र हैं।
MADHYA PRADESH COVID19 UPDATE NEWS 05 MAY 2021
विशेष नोट:- अपने जिले के अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता या कोविड संबंधी अन्य जानकारी एक फोन पर प्राप्त कर सकते हैं। कोविड टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर - 1075
- ग्वालियर में कोरोनावायरस के संदिग्ध मरीजों को सैंपल देने के लिए धूप में खड़ा रखा जाता है। आज चिलचिलाती धूप में लाइन में लगे एक मरीज की मौत हो गई है।
- मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी की पुत्रवधू कि कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण मौत हो गई।
- गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि यदि कोई प्राइवेट अस्पताल, एंबुलेंस या मेडिकल स्टोर संचालक किसी भी वस्तु या सेवा का निर्धारित दर से अधिक पैसा वसूलने की कोशिश करता है तो तत्काल नजदीकी पुलिस थाने में शिकायत करें।
- सतना एवं रीवा में 30 मई तक विवाह समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- रीवा और सीधी के बाद जबलपुर एवं सिंगरौली में भी 17 मई तक प्रतिबंध लगाए गए।
- इंदौर में कलेक्टर एवं एसडीएम के व्यवहार से नाराज होकर दो ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर ने इस्तीफा दे दिया।
- अशोक नगर में महिला सब इंस्पेक्टर के पति को अस्पताल में एक बेड नहीं मिला। इलाज के अभाव में मौत हो गई।
- भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने कहा है कि उनकी दवाई आयुष-64 कोरोनावायरस के प्राथमिक इलाज के लिए काफी लाभदायक है।