कल हमने आपको बताया था कि कोई भी कार्य आपराधिक उद्देश्य के लिए किया गया हो जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु होने निश्चित है ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 299 के अंतर्गत दोषी होगा। लेकिन अगर किसी व्यक्ति का कोई आपराधिक उद्देश्य नहीं है परंतु फिर भी वह कोई ऐसा काम करता है जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु होना निश्चित है, ऐसी स्थिति में भी वह व्यक्ति आईपीसी की धारा 299 के तहत मानव वध का दोषी होगा लेकिन दोनों अपराधों की सजाओ में बहुत अंतर होता है।
उधरणानुसार:- किसी व्यक्ति को पेट में कैंसर है और डॉक्टर जानता है कि इस ऑपरेशन से मरीज की मृत्यु निश्चित है फिर भी डॉक्टर ऑपरेशन कर देता है और मरीज की मृत्यु हो जाती है तब ऐसा करने वाला डॉक्टर आईपीसी की धारा 299 के तहत मानववाद का दोषी होगा एवं दंडित किया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 299 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
पिछले लेख की धारा एवं आज के लेख एक ही है लेकिन इनकी सजा में बहुत अन्तर है। यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होते हैं इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय को हैं। सजा:- इस अपराध के लिए अधिकतम 10 वर्ष की सजा मात्र है, या जुर्माना से मात्र दाण्डित किया जा सकता है। सजा या जुर्माना साथ भी हो सकता है। पिछले लेख में अधिकतम आजीवन कारावास एवं कम से कम 10 वर्ष की सजा के साथ जुर्माना था। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख
कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी