IPC ने महिलाओं को 9 हथियार दिए हैं, कोई आंख उठा कर नहीं देख पाएगा - LAW FOR WOMEN IN INDIA

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस या फिर भारत के राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हमेशा महिलाएं सुरक्षा की मांग करती हैं और देशभर में होने वाले सभी प्रकार की सेमिनार अथवा कार्यक्रमों में पुरुषों द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए वचनबद्धता दोहराई जाती है। एक प्रकार से जिस दिन यह बताया जाता है कि सुरक्षा के मामले में महिलाएं, आज भी पुरुषों पर डिपेंड करती है। हम आपको बताते हैं कि भारतीय दंड संहिता ने महिलाओं को कुछ ऐसे सुरक्षा आवरण दिए हैं, जिनके बारे में यदि महिलाओं को जानकारी हो गई तो उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए कोई मोर्चा नहीं निकालना पड़ेगा। 

इसकी पावर इतनी ज्यादा है कि यदि कोई महिला इस पोस्ट को अपने मोबाइल में ओपन करके छोड़ दे और उसे प्रताड़ित करने वाला पति या फिर ससुराल का कोई भी व्यक्ति यह देख ले कि महिला क्या अध्ययन कर रही है तो लगभग 50% सुरक्षा सुनिश्चित हो जाएगी। याद रखिए, जेल किसी को अच्छी नहीं लगती। जंगल का राजा अभी सलाखों के पीछे जाने से डरता है।

यदि कोई, महिला को देखकर अश्लील गाने गाता है क्या करें

★ भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के अंतर्गत सार्वजनिक स्थान पर बुरी गालियां देना, अश्लील गाने गाना जो कि सुनने पर बुरे लगें का दंडनीय प्रावधान हैं।
दण्ड:- संज्ञेय अपराध 3 माह की कारावास या जुर्माना या दोनो।अपराध का संज्ञान किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा लिया जा सकता है।

यदि कोई, महिला को अश्लील वीडियो सेंड कर दे तो क्या करें

★ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 354, 354 (क, ख,ग, घ, ङ) के अंतर्गत महिला की लज्जाशीलता भंग करने के लिए उसके साथ बल का प्रयोग करना, महिलाओं को अश्लील वीडियो दिखाना, भेजना, पीछा करना, कमजोर करनें के उद्देश्य से हमला करना, नातेदार या अन्य व्यक्ति द्वारा स्त्री की लज्जा भंग करना। 
दण्ड:- सारे अपराध संज्ञेय होते हैं, सजा कम से कम 1 वर्ष से अधिकतम सात वर्ष तक कि होती है।

यदि कोई, शादी के लिए महिला को उठा ले जाए तो क्या करें

★भारतीय दण्ड संहिता की धारा 363 के अंतर्गत विधिपूर्ण संरक्षण से महिला का अपहरण करना। 
दण्ड:- संज्ञेय अपराध है, सजा - सात वर्ष और जुर्माना भी साथ में।
★ भारतीय दण्ड संहिता की धारा 364 के अंतर्गत हत्या करने के उद्देश्य से महिला का अपहरण करना। 
दण्ड:- संज्ञेय अपराध एवं अजमानतीय अपराध सजा- आजीवन कारावास के साथ जुर्माना।
★भारतीय दण्ड संहिता की धारा 366 के अंतर्गत किसी महिला को विवाह करने के लिए विवश करना या उसे भ्रष्ट करने के लिए अपहरण करना।
दण्ड:- संज्ञेय अपराध एवं अजमानतीय सजा - दस वर्ष की कारावास के साथ जुर्माना भी।

पत्नी से नौकरानी के समान व्यवहार करने वाले के खिलाफ कानून

★भारतीय दण्ड संहिता की धारा 371 के अंतर्गत किसी महिला के साथ दास, नौकरानी के समान व्यवहार।
दण्ड:-संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध। सजा-  दस वर्ष से आजीवन कारावास और जुर्माना भी।

18 साल से कम उम्र की लड़की से वेश्यावृत्ति के खिलाफ कानून
★भारतीय दण्ड संहिता की धारा 372 के अंतर्गत वैश्यावृत्ति के लिए 18 वर्ष से कम आयु की बालिका को बेचना या भाड़े पर देना।
सजा- संज्ञेय अपराध एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। सजा- दस वर्ष की कारावास के साथ जुर्माना भी।

*【विशेष】*
★ ऐसे प्रकरणों पर विचार न्यायालय द्वारा बंद कमरे में धारा 372 (2) द.प्र.सं. के अंतर्गत किया जाए। उल्लेखनीय है कि 'बलात्कार करने के आशय से किए गए हमले से बचाव हेतु हमलावर की मृत्यु तक कर देने का अधिकार महिला को है' (धारा 100 भा.द.वि. के अनुसार),दूसरी बात साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 (ए) के अनुसार बलात्कार के प्रकरण में न्यायालय के समक्ष पीड़ित महिला यदि यह कथन देती है कि संभोग के लिए उसने सहमति नहीं दी थी, तब न्यायालय यह मानेगा कि उसने सहमति नहीं दी थी। इस तथ्य को नकारने का भार आरोपी पर होगा।

भारतीय दंड संहिता,1860 की धारा 375 की परिभाषा (बलात्कार का अपराध कब बनता है।):-

जब कोई पुरुष किसी स्त्री के साथ उसकी इच्छा के विरुद्ध सम्भोग करता है तो उसे बलात्कार (बलात्संग) कहते हैं। 
बलात्कार का अपराध कब माना जाता है:- 
• महिला की इच्छा के विरुद्ध।
• महिला की सहमति के बिना।
• किसी महिला को डरा-धमकाकर सहमति ली गई हो।
• महिला की सहमति नकली पति बनकर ली गई हो जबकि वह उसका पति नहीं है।
• महिला की सहमति तब ली गई हो जब वह दिमागी रूप से कमजोर या पागल हो।
• महिला की सहमति तब ली गई हो जब वह शराब या अन्य नशीले पदार्थ के कारण होश में नहीं हो।
• महिला 18 वर्ष से कम उम्र की है, चाहे उसकी सहमति से हो या बिना सहमति के। 
• 18 वर्ष से कम उम्र की पत्नी के साथ पति द्वारा किया गया सम्भोग भी बलात्कार है।


भारतीय दंड संहिता धारा 376 (क) की परिभाषा:-

पृथक(अलग अलग)/ रहने के दौरान किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ (बलात्संग) सम्भोग करने की दशा में यह अपराध होता है। सजा-  दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

भारतीय दंड संहिता 376 (ख) की परिभाषा:-

लोक सेवक द्वारा अपनी अभिरक्षा में किसी स्त्री के साथ (बलात्संग) सम्भोग करने की दशा में यह अपराध होता है सजा - पांच वर्ष तक कारावास और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

भारतीय दंड संहिता की धारा 376-ग की परिभाषा:-
जेल, प्रतिप्रेषण गृह आदि के अधीक्षक द्वारा(बलात्संग) सम्भोग की स्थिति में यह अपराध होता है। सजा   पांच वर्ष तक की कारावास और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

धारा 376- घ भारतीय दंड संहिता :-

अस्पताल के प्रबंधक या कर्मचारीवृन्द आदि के किसी सदस्य द्वारा उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ(बलात्संग) सम्भोग करेगा तब यह अपराध होगा सजा-  वह दोनों में किसी भांति के कारावास से जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 494 की परिभाषा :-

पत्नी के होते हुए पति अगर दूसरा विवाह कर ले या पत्नी दूसरी शादी कर ले तब अपराध होता है। सजा- सात वर्ष की कारावास के साथ जुर्माना भी। 

भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498 (क) की परिभाषा:-

किसी भी शादीशुदा स्त्री को पति या पति के रिश्तेदार द्वारा प्रताड़ित करना, क्रूर व्यवहार करना, दहेज की मांग करना अपराध है।
सजा:- तीन वर्ष की कारावास के साथ जुर्माना भी।

[भारतीय दण्ड संहिता,1860 में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों से सम्बंधित जो कानून बनाये हैं वह वर्तमान समय में प्रभावी है अगर उपर्युक्त में से किसी कानून का हनन हो रहा है तो महिलाएं सीधे न्यायालय या मजिस्ट्रेट के पास परिवाद(शिकायत) दर्ज कर सकती है)  :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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