सरकारी कर्मचारी क्या चंदा एकत्रित कर सकता है, पढ़िए MP CIVIL SERVICES (Conduct) RULES 1965

Bhopal Samachar
शासकीय कर्मचारी भी एक सामाजिक व्यक्ति होता है। मध्य प्रदेश सिविल सर्विस आचरण नियम 1965 भी यही कहता है। नियमानुसार शासकीय सेवक किसी भी प्रकार के सार्वजनिक अथवा धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हो सकता है। इस प्रकार के आयोजनों के लिए गठित समिति में सरकारी कर्मचारी अथवा अधिकारी पदाधिकारी भी हो सकता है परंतु क्या सरकारी कर्मचारी किसी भी प्रकार के धार्मिक, सामाजिक अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए आम जनता से चंदा एकत्रित कर सकता है। आइए पढ़ते हैं इसके लिए कौन सा नियम निर्धारित किया गया है:-

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम,1965 की धारा 13 की परिभाषा:-

कोई भी शासकीय सेवक शासन या अपने उच्च अधिकारी की मंजूरी के बिना:-
1.किसी भी व्यक्ति से सार्वजनिक चंदा नहीं लेगा।
2.न कोई अंशदान (विभागीय संपत्ति से) देगा।
3.किसी भी प्रकार के सार्वजनिक चंदा इकट्ठा करने वाली संस्था में न तो भाग लेगा न ही अंशदान देगा ओर न ही ऐसे अंशदान से संबंध रखेगा।

(अगर कोई लोकसेवक बिना शासन या अधिकारी की मंजूरी के उपर्युक्त कृत्य करता है तो यह मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियम की धारा 13 का उल्लंघन माना जाएगा जिससे ऐसे लोकसेवक (कर्मचारी अथवा अधिकारी) के खिलाफ अनुशासनहीनता के आरोप में दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।) :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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