क्या पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह गिरफ्तारी से पहले वारंट की जानकारी दे - पढ़िए CrPC 1973 Section 73 सरल हिंदी में

0
जब सक्षम न्यायालय किसी आरोपी अथवा अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए अथवा निर्धारित तारीख पर प्रस्तुत होने के लिए वारंट जारी करता है तो उस लोक सेवक अथवा पुलिस अधिकारी (जो वारंट का निष्पादन करने के लिए नियुक्त किया गया है) का कर्तव्य है कि वह गिरफ्तारी या फिर तामील से पहले वारंटी को वारंट के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान करें।

दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 75 की परिभाषा:-【वारण्ट के सार की सूचना देना】

इस धारा के अनुसार यह बताया गया है कि कोई भी लोकसेवक वारण्ट को लेकर किसी आरोपी या अपराधी को गिरफ़्तार करने जाता है तो लोकसेवक स्वयं उस व्यक्ति को वारण्ट का मुख्य कारण संक्षिप्त रूप में आरोपी या अपराधी को बताएगा। अगर लोकसेवक ऐसा नही करता है तो धारा 75 का उल्लंघन मना जाएगा। क्योंकि इस धारा के अंतर्गत गिरफ्तार व्यक्ति को वारण्ट का कारण जानने का पूर्ण अधिकार है। 

गिरफ्तारी का कारण जानने का अधिकार 

सीआरपीसी की धारा 50 (1) के तहत पुलिस को गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को गिरफ्तारी का कारण बताना होगा।
गिरफ्तार करने आया पुलिस अधिकारी यूनिफॉर्म में होना चाहिए और उसकी नेम प्लेट पर स्पष्ट रूप से उसका नाम प्रदर्शित होना चाहिए। 
सीआरपीसी की धारा 41 बी के तहत पुलिस को अरेस्ट मेमो बनाना होता है जिसमें गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी की रैंक, गिरफ्तारी का समय एवं गिरफ्तारी के समय मौजूद प्रत्यक्षदर्शी आम नागरिक के हस्ताक्षर होना जरूरी है। 
सीआरपीसी की धारा 50A के तहत गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के परिवार को अधिकार है कि वह गिरफ्तारी का कारण जाने। गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी का कर्तव्य है कि वह गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के परिवार को गिरफ्तारी का कारण बताए। :- लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

Post a Comment

0 Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!