कई बार ऐसे खेत, प्लॉट, मकान, दुकान, कुआं अथवा तालाब (Farm, plot, house, shop, well or pond etc) आदि पर दो ऐसे पक्षों द्वारा अधिकार जताया जाता है जिनके पास उस संपत्ति के स्वामित्व (Property ownership) से संबंधित कोई solid document नहीं होता। Property के स्वामी की मृत्यु हो चुकी होती है। वह किसी दूसरे शहर में होता है या फिर official record में दर्ज उसका पता बदल जाता है और उसे विवाद की Information नहीं मिल पाती।
ऐसी स्थिति में विवाद का निपटारा executive magistrate द्वारा नहीं किया जाता बल्कि सक्षम Court में case प्रस्तुत किया जाता है लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं होता कि executive magistrate विवादित Property को Unclaimed छोड़ देगा अथवा दोनों में से जो शक्तिशाली (Powerful) होगा वह कब्जा करके रख सकता है बल्कि ऐसी स्थिति में executive magistrate, BNSS की धारा 165 के तहत कार्रवाई करेगा।
Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita,2023, की धारा 165 की परिभाषा
अगर Executive Magistrate (SDM) द्वारा किसी land or water source संबंधित विवादित या अवैध कब्जा वाली संपत्ति निपटारा नहीं हो पा रहा है अर्थात पता नही चल पा रहा है कि वास्तव में संपत्ति किस व्यक्ति की है, तब Magistrate ऐसी संपत्ति को तब तक के लिए कुर्क (जब्त) कर लेगा जब तक की Civil Courts द्वारा कोई Order जारी नहीं होगा कि वास्तविक संपत्ति पर किसका अधिकार है।
executive magistrate ऐसी विवादित भूमि,(disputed land) जलस्त्रोत संबंधित जब्त की गई Property की देख-रेख के लिए एक Receiver Officer नियुक्त कर सकता है, लेकिन यदि Civil Courts द्वारा भी संपत्ति की Security के लिए Receiver Officer की नियुक्ति हो जाती है तब executive magistrate द्वारा Receiver Officer को कर्तव्य से मुक्त कर दिया जाएगा। "Receiver Officer वह होता है जो Court द्वारा जब्त की गई किसी भी प्रकार की controversial संपत्ति की देख-रेख करता है उसका Protection या सुरक्षा करता है।
✍️लेखक: बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार, होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article. डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।