भोपाल। मध्यप्रदेश में तेजी से बढ़ रही महामारी के बीच सरकारी स्कूल खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 21 सितंबर से स्कूल खोलने की योजना पर बैठक का आयोजन किया। जिन सरकारी स्कूलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है उनमें सैनिटाइजेशन और थर्मल स्क्रीनिंग की शर्तों का पालन करने पर रजामंदी हुई क्योंकि यदि सरकारी स्कूल नहीं खोलेंगे तो प्राइवेट स्कूल भी नहीं खोले जा सकते और सरकार पर प्राइवेट स्कूल संचालकों का भारी दबाव है। सबसे पहले कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खोले जाएंगे।
पाठ्यक्रम का निर्धारण नहीं हुआ फिर भी मध्य प्रदेश के स्कूल खुलेंगे
लॉकडाउन और महामारी के कारण शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास ज्यादा काम नहीं था फिर भी माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश में पाठ्यक्रम का निर्धारण नहीं किया। जबकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल ने ना केवल पाठ्यक्रमों का निर्धारण किया बल्कि 30% कठिन पाठ हटाकर ऑनलाइन क्लास भी सफलतापूर्वक संचालित की।
मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूल खोलने के लिए कोरोना गाइडलाइन
अभिभावक लिखित मंजूरी देकर बच्चों को स्कूल भेजेंगे।
विद्यार्थी फेस मास्क और ग्लब्स पहनकर आएंगे।
सभी स्टूडेंट्स के पास सैनिटाइजर और पानी की बोतल होना अनिवार्य है।
प्रत्येक सरकारी स्कूल के मुख्य दरवाजे पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी।
विद्यार्थियों को स्कूल परिसर में रहते हुए बार-बार अपने हाथों को सैनिटाइज करना होगा।
सभी विद्यार्थियों को कक्षा में एक दूसरे से 2 गज की दूरी पर बैठना होगा। यानी एक कक्षा में औसत 10 से ज्यादा विद्यार्थी नहीं बैठ सकते।
हर रोज खोलने से पहले सरकारी स्कूल को सैनिटाइज किया जाएगा।
इनका कहना है
केंद्र से स्कूल खोलने को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है, उसका पालन किया जाएगा। पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ 9वीं से 12वीं के स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है।
जयश्री कियावत, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय