छिंदवाड़ा में बीएमओ, सतना में बीईओ का क्लर्क और दमोह में पंचायत सचिव सस्पेंड

खंड चिकित्सा अधिकारी पांढुर्णा डॉ.अशोक भगत सस्पेंड

छिंदवाड़ा। जबलपुर संभाग के कमिश्नर श्री महेश चंद्र चौधरी द्वारा कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी छिन्दवाड़ा श्री सौरभ कुमार सुमन के प्रतिवेदन पर पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर खंड चिकित्सा अधिकारी पांढुर्णा डॉ.अशोक भगत को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के प्रावधानों के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। 

जबलपुर संभाग के कमिश्नर श्री चौधरी द्वारा बताया गया कि कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी छिन्दवाड़ा श्री सुमन ने अपने प्रतिवेदन में उल्लेखित किया है कि डॉ. अशोक भगत कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने में निरंतर लापरवाही बरत रहे हैं। उच्चाधिकारियों द्वारा बार-बार वीडियो कांफ्रेंसिंग में दिये गये निर्देशों के उपरांत भी सैम्पल लिये हुये मरीजों को उनके द्वारा आईसोलेट नहीं किया गया। पांढुर्णा के एक अस्थि रोग विशेषज्ञ का कोविड-19 का सैम्पल लेने के उपरांत भी डॉ.भगत द्वारा उन्हें आईसोलेट नहीं किया गया और संबंधित अस्थि रोग विशेषज्ञ अपने क्लीनिक में उनके मरीजों का इलाज करते पाये गये। 

ग्राम जुनेवानी हेटी का एक व्यक्ति पॉजिटिव आया था जिसकी पत्नी की प्रेग्नेंसी के संबंध में अवगत नहीं कराया गया और डॉ.भगत द्वारा क्वारेंटाईन सेंटर में ही उसका प्रसव कराया गया। प्रसव के बाद महिला और नवजात शिशु को जिला चिकित्सालय में भेजने में भी लापरवाही बरती गई। डॉ.भगत को निर्देशित किया गया था कि संदिग्ध व्यक्ति जहां क्वारेंटाईन है, वहीं सेंटर पर जाकर सैम्पल लिया जाये, किंतु उनके द्वारा जहां पूर्व से ही सैम्पल ले रहे थे, वहीं संदिग्ध व्यक्तियों को बुलाकर सैम्पल लिये गये। 

डॉ.भगत नियत मुख्यालय पर निवास न कर प्रतिदिन सौंसर से आना जाना करते है, अधिनस्थों पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है और निर्देश दिये जाने के बाद भी बिना वरिष्ठ अधिकारी के ध्यान में लाये पुराने अस्पताल के फीवर क्लीनिक को नये अपूर्ण भवन में उनके द्वारा शिफ्ट किया गया। 

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी छिन्दवाड़ा श्री सुमन के प्रतिवेदन के आधार पर खंड चिकित्सा अधिकारी पांढुर्णा डॉ.अशोक भगत का यह कृत्य म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है, इसलिये डॉ.भगत को पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। 

बीईओ कार्यालय मैहर  का सहायक ग्रेड-3 सुधीर सोनी सस्पेंड

कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट श्री अजय कटेसरिया द्वारा विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय मैहर में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 श्री सुधीर सोनी को कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मैहर में पदस्थ अधिकारियों एवं महिला कर्मचारियों के मध्य हुये अभद्रता एवं मारपीट में संलिप्तता पाए जाने पर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाकर इनका मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मझगवां जिला-सतना (म.प्र.) नियत किया गया है।

ग्राम पंचायत बमनी के सचिव अमर सिंह सस्पेंड

दमोह जिले की जनपद पंचायत पटेरा की ग्राम पंचायत बमनी के सचिव द्वारा ग्राम पंचायत जमुनिया पदस्थापना कार्यकाल के दौरान वर्ष 2012 में ग्राम जमुनिया में नाले पर पुलिया निर्माण हेतु राशि 5 लाख  रूपये जनपद निधि योजना से स्वीकृत किये गये थे, जिसका कार्य अभी तक नहीं कराये जाने के आरोप तथा गंभीर वित्तीय अनियमिता की श्रेणी मानते हुये मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ गिरीश मिश्रा ने म.प्र. सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा शर्ते ) नियम 2011 के नियम 7 एवं सहपठित म.प्र. साधारण खण्ड अधिनियम 1957 के नियम 16 में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये अमर सिंह को तत्काल सचिव पद से निलंबित किया गया है। 

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