यदि किसी व्यक्ति को आवेदन देने से रोका जाए तो क्या FIR दर्ज हो सकती है / ABOUT IPC

कभी-कभी ऐसा भी होता है कि आप किसी प्राधिकृत अधिकारी के पास मदद के लिए आवेदन या कानूनी सलाह हेतु संपर्क करना चाहते हैं परंतु कोई व्यक्ति आपको ऐसा करने से रोकता है। वह आपको धमकाता है, कंफ्यूज करता है, या फिर अज्ञात भय से भयभीत कर देता है। क्या आप जानते हैं ऐसे लोगों को सजा देने के लिए भारतीय दंड संहिता में प्रावधान है। आइए जानते हैं:-

भारतीय दण्ड संहिता ,1860 की धारा 190 की परिभाषा:-

धारा 190 की परिभाषा सरल शब्दों में- अगर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को सरकारी अधिकारी के पास कानूनी वैध तरीके के आवेदन देने से रोकता है या किसी भी प्रकार की कानूनी सलाह लेने से रोकता है, अधिकारी से संरक्षण न लेने का दबाव बनाता है और धमकी देता है तब वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी होगा।

भारतीय दण्ड संहिता ,1860 की धारा 190 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-

इस प्रकार के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं,इनकी सुनवाई किसी भी मजिस्ट्रेट दुआरा की जा सकती है। सजा एक वर्ष की करावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
नोट【 राज्य संशोधन 1975 - मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में यह अपराध संज्ञेय अपराध है। देखे मध्यप्रदेश राजपत्र भाग 1,दिनांक 12-3-1976 पृष्ठ क्रमांक 473 पर प्रकाशित।】
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बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | 

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