कथन या वचन पर हस्ताक्षर करने से मना करने पर भी क्या FIR दर्ज हो सकती है, पढ़िए / ABOUT IPC

हम आपको पिछले कुछ दिनों से भारतीय दण्ड संहिता,1860 के अध्याय 10 में सरकारी अधिकारियों के विधिक अधिकार का पालन न करने से सम्बंधित अपराध की जानकारी दे रहे हैं ताकि लोग उनके अधिकार की अवमानना न करें। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करेगा तो वह किन- किन धारा के अंतर्गत दोषी होगा। आज के लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि अगर कोई व्यक्ति लोकसेवक द्वारा विधि के वैध कथन (वचन) पर हस्ताक्षर करने से मना करता है तब उस पर किस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज होगा।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 180 की परिभाषा:-

कोई भी व्यक्ति जो विधि दुआरा प्राधिकृत किसी सरकारी अधिकारी के कहने पर अपने कहे हुए कथन या वचन पर हस्ताक्षर नहीं करेगा या हस्ताक्षर करने से इनकार करता है। तब वह व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत अपराधी होगा। लेकिन ऐसे कथन विधित: बाध्य हो (विधि से बंधे हुए हो) उदाहरणार्थ:- दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 तथा धारा 281(5) अथवा रेलवे संपत्ति अधिनियम 1966 की धारा 8 व 9 के अंतर्गत लिए गए बयान आदि।

भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 180 में दण्ड का प्रावधान:-

इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते है। यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई जिस न्यायालय में अपराध किया गया है वहाँ पर या अपराध न्यायालय से अलग किया गया है तब किसी भी मजिस्ट्रेट के पास की जा सकती है। सजा - 3 माह की कारावास या 500 रु जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। 
बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

कानूनी जानकारी से संबंधित 10 सबसे लोकप्रिय लेख

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है
सरकारी अधिकारी निर्दोष नागरिक को जबरन रोककर रखे तो IPC की किस धारा के तहत मामला दर्ज होगा
अधिकारी, कोर्ट में गलत जानकारी पेश कर दे तो विभागीय कार्रवाई होगी या FIR दर्ज होगी
क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन अपराध है, नई FIR दर्ज हो सकती है
एक व्यक्ति अपराध करे और दूसरा सिर्फ साथ रहे तो दूसरा अपराधी माना जाएगा या नहीं
रात के समय किसी के घर में चोरी छुपे घुसना किस धारा के तहत अपराध है
यदि कोई मर्जी के बिना घर में घुस आए तो क्या FIR दर्ज करवाई जा सकती है
धूम्रपान करने वालों के खिलाफ IPC की किस धारा के तहत FIR दर्ज होगी
आम रास्ते में रुकावट पैदा करने वाले के खिलाफ किस धारा के तहत FIR दर्ज होती है
गर्भपात के दौरान यदि महिला की मृत्यु हो गई तो जेल कौन जाएगा डॉक्टर या पति
यदि जबरदस्ती नशे की हालत में अपराध हो जाए तो क्या सजा से माफी मिलेगी

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !