ग्वालियर में प्रॉपर्टी नामांतरण मात्र 50 रुपए में, नियम बदले / GWALIOR NEWS

ग्वालियर। नगर निगम प्रशासन प्लॉट, मकान या दुकान के नामांतरण के नाम पर हितग्राहियों से अब 5 हजार रुपये नहीं लेगा। पहले की तरह 50 रुपये की रसीद ही कटाना होगी। लेकिन हितग्राही को दो समाचार-पत्रों में नामांतरण की विज्ञप्ति देना होगी। निगम प्रशासक एमबी ओझा ने अपने आदेश को संशोधित कर दिया है। हालांकि नए आदेश से हितग्राही का भार आधा जरूर हो जाएगा, लेकिन संशोधित आदेश भी स्पष्ट न होने की बात कहकर हितग्राही इसका भी विरोध कर रहे हैं।   

नामांतरण शुल्क के रूप में पहले 50 रुपये की रसीद कटती थी। लेकिन निगम प्रशासन ने नामांतरण से पूर्व विज्ञप्ति के लिए हितग्राही को 5 हजार रुपये देना आवश्यक कर दिया था। निगमायुक्त संदीप माकिन के प्रस्ताव पर निगम प्रशासक ओझा ने 25 अप्रैल 2020 को इस पर सहमति दे दी थी। इस आदेश पर दो तरह के विवाद शुरू हो गए थे। पहला यह कि इस प्रकार का आदेश जारी करने का निगम एक्ट में प्रावधान नहीं था। दूसरा यह कि नया संकल्प 25 अप्रैल को जारी किया गया। जबकि इससे पहले करीब 2500 हितग्राहियों के पैसे जमा थे किन्तु निगम में नामांतरण लंबित था। दोनों ही स्थितियों में हितग्राही, राजनीतिक दल तथा चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी विरोध कर रहे थे। चैंबर ऑफ कॉमर्स ने तो मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया था। इसमें उन्होंने स्वच्छता(गार्बेज) शुल्क लगाने का भी विरोध किया था। मामला अदालत तक भी पहुंचा है, लेकिन अभी सुनवाई नहीं हुई। 

नामांतरण के नियमों के तहत जिस दिन हितग्राही शुल्क जमा करता है उस दिन से 30 दिन के अंदर नामांतरण आदेश जारी किए जाएं अथवा आवेदन निरस्त कर दिया जाए। करीब 2500 से हितग्राहियों से लॉकडाउन से पहले मार्च में ही आवेदन कर शुल्क जमा कर दिया था। उनका निराकरण होता उससे पहले ही लॉकडाउन हो गया और सभी कार्यालय बंद हो गए। इसी बीच निगम प्रशासन ने 25 अप्रैल को 5 हजार रुपये जमा करने का नया आदेश जारी कर दिया। चूंकि हितग्राही मार्च में ही शुल्क जमा करा चुके थे और लॉकडाउन में निगम की ओर से आवेदनों का निराकरण नहीं किया गया, इसलिए हितग्राही भी विरोध कर रहे थे।

मैंने 17 मार्च को नामांतरण का आवेदन और शुल्क जमा किया। बाद में निगम ने 26 अप्रैल को 5 हजार शुल्क कर दिया। ऐसा कोई नियम भी नहीं बताया, इसलिए हम लोग विरोध कर रहे थे। निगम के ही कर संग्रहक भी इसके विरोध में थे। 
राजेन्द्र शर्मा, हितग्राही विनय नगर सेक्टर-2

नामांतरण के लिए 5 हजार शुल्क का प्रावधान किया था। इसे लेकर हितग्राहियों की आपत्ति थी। अब इसमें संशोधन कर दो समाचार पत्रों में विज्ञप्ति देना अनिवार्य कर दिया है। 
एमबी ओझा, निगम प्रशासक

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