स्वामी प्रज्ञानंद दिल्ली आश्रम में ब्रह्मलीन, आज कटंगी आएंगे / JABALPUR NEWS

जबलपुर। अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद महाराज शनिवार की शाम दिल्ली स्थित आश्रम में ब्रह्मलीन हो गए। सोमवार को कटंगी स्थित प्रज्ञाधाम में संतों के द्वारा समाधि दी जाएगी। वे आव्हान अखाड़े के महामंडलेश्वर और दिल्ली संत महामंडल में 15 साल अध्यक्ष रहे।

सोमवार सुबह कटंगी में समाधि

स्वामी प्रज्ञानंद की शिष्या साध्वी विभानंद ने बताया कि स्वामी जी ने शनिवार को दैनिकचर्या के साथ ही सुबह नाश्ता और दोपहर में भोजन किया और विश्राम में चले गए। दोपहर में विश्राम में जाने के पहले उनकी मोबाइल पर बात हुई थी। जिसमें उन्होंने बताया कि भोजन करने की इच्छा नहीं हो रही है। इसलिए शाम को सूप लूंगा।शाम को सेवक जब उनके कमरे में गया तो उन्होंने कोई हरकत नहीं की। बताया जा रहा है कि सोते समय उन्हें हृदयाघात हुआ। सड़क मार्ग से स्वामी प्रज्ञानंद का पार्थिव देह रविवार को दिल्ली से कटंगी लाया जाएगा। जिसके बाद संतों द्वारा अभिषेक किया जाएगा। सोमवार को सुबह 11 बजे प्रज्ञाधाम कटंगी में समाधि दी जाएगी।

कटंगी में 3 सितंबर 1945 को जन्मे महामंडलेश्वर प्रज्ञानंद महाराज के शिष्य कई देशों में हैं। 75 देशों में उन्होंने भारतीय संस्कृति की पताका लहराई। मां रामबाई और पिता ठाकुर ढेलम सिंह 4 पुत्र और 4 पुत्रियों में वे बड़े पुत्र थे। प्रारंभ में शिक्षकीय कार्य करते हुए गायत्री परिवार के श्रीराम शर्मा से जुड़े रहे। 30 वर्ष में वे संन्यास मार्ग में बढ़ते हुए कई देशों की यात्राएं की। साउथ अमेरिका के श्रीनाम में आज भी शाम 7 बजे रेडियो और टेलीविजन में गायत्री संध्या होती है जिसे महाराज जी ने शुरू किया था।

कटंगी में राजसूय यज्ञ की शुरूआत के साथ ही प्रज्ञाधाम में विश्व के सबसे सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना गत वर्ष महाशिवरात्रि में की गई। जिसमें नागा साधु भी शामिल हुए थे। इसके अलावा वे स्कूल, कॉलेज के द्वारा बच्चों को शिक्षा दे रहे थे।

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