कोटा से 150 छात्रों का पहला दल मप्र पहुंचा, 3000 से ज्यादा आएंगे / MP NEWS

भोपाल। राजस्थान के कोटा में फंसे मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के 3 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं के आना शुरू हो गया है। 6 बसों में करीब 150 छात्र-छात्राएं शिवपुरी के कोटानाका पर पहुंच गए हैं। सभी की सक्रीनिंग यहां की जा रही है। इसके बाद इन्हें शिवपुरी शहर लेकर आया जाएगा। यहां से इन्हें गृह जिले से आए जिलों के अधिकारियों को सुपुर्द किया जाएगा। 

शिवपुरी के कोटानाका पर जैसे ही छात्रों की बस पहुंची मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर अनुग्रह पी के मोबाइल पर फोन किया और छात्र-छात्राओं से बात की। शिवपुरी के अलावा उज्जैन, नीमच के लिए भी सीधी बसे कोटा से रवाना की गई हैं। सबसे पहले सिंगरौली के छात्रों को लेकर बस शिवपुरी के कोटानाका पर पहुंची है। 

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बसों को कोटा से इस तरह से रवाना किया गया है कि एकदम कोटानाका पर भीड़ जमा नहीं हो। जब 6 बसों में आए छात्र-छात्राएं यहां स्वास्थ्य परीक्षण और भोजन के बाद यहां से रवाना हो जाएंगे। इसके बाद दूसरी खेप में अन्य बसों को यहां लाया जाएगा। इस प्रक्रिया में छात्र-छात्राओं का यहां पहुंचना गुरुवार सुबह तक जारी रह सकता है।  छात्र-छात्राओं को जिले के हिसाब से टोकन दिए गए हैं। और उस जिले से इन्हें लेने आए अधिकारी का फोन नंबर और बस का नंबर भी दिया गया है। 

देश के सबसे बड़े कोचिंग हब कोटा में फंसे प्रदेश के छात्र-छात्राओं को लाने के लिए 140 बसें राजस्थान के लिए मंगलवार को रवाना हुई थीं। शिवपुरी जिले की सीमा में प्रवेश करते ही सारे छात्रों की स्क्रीनिंग कराई जा रही है। आरटीओ चेक पोस्ट पर डॉक्टरों की टीम मौजूद है। छात्र-छात्राओं की जांच के लिए पांच टीम लगाई गई हैं। छात्र-छात्राओं को जिलों में बांटकर उनकी सक्रीनिंग की जा रही है। बॉर्डर पर ही सारे बच्चों की स्क्रीनिंग कराकर उन्हें उनके जिले से आए अधिकारियों के सुपुर्द किया जाएगा। 

बॉर्डर पर ही की गई है भोजन की व्यवस्था

शिवपुरी के कोटानाका पर छात्र-छात्राओं के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। पहली खेप में आए छात्र-छात्राओं को पहले भोजन कराया गया है। कलेक्टर अनुग्रह पी खुद मौके पर मौजूद रहकर व्यवसाथा देख रही हैं। बताया जा रहा है कि बच्चों के आने की सूचना के बाद आसपास के जिलों के कई पालक भी अपने बच्चों से मिलने यहां आ गए। लेकिन, पुलिस ने छात्र-छात्राओं को अपने घेरे में ले रखा है। किसी को भी इनसे मिलने की अनुमति नहीं है। 

इन 10 जिलों के छात्र पहले शिवपुरी आएंगे, फिर अपने जिलों में भेजे जाएंगे

शिवपुरी के अलावा 10 अन्य जिले के 1300 से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। इनमें ग्वालियर, भिंड, दतिया, छतरपुर, पन्ना, रीवा, सतना, सिंगरौली, सीधी, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले शामिल हैं। छात्रों की स्क्रीनिंग कराने के बाद सभी को बसों में बिठाकर संबंधित जिलों के लिए रवाना किया जाएगा।

अपने-अपने जिलों में पहुंचने के बाद क्वारैंटाइन सेंटर में रहना होगा

इतनी लंबी यात्रा कर अपने गृह जिले में पहुंचने वाला छात्र-छात्राएं सीधे घर नहीं जा सकेंगे। सभी को पहले 14 दिन क्वारैंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। हर जिला मुख्यालय पर स्कूल और कॉलेजों में क्वारैंटाइन सेंटर तैयार कर दिए गए हैं। यहां इन्हें परिजनों से भी मिलने की अनुमति नहीं होगी। बसों से यहां पहुंचने के बाद सभी का एक बार फिर से मेडिकल चेकअप किया जाएगा।

भोपाल में कंट्रोलरूम

जब तक छात्र-छात्राएं संबंधित जिले में नहीं पहुंच जाते भोपाल में राज्य स्तरीय कंट्रोलरूम बनाया गया है। छह कर्मचारी इसकी माॅनिटरिंग कर रहे हैं। इसका हेल्पलाइन नंबर 0755-2597279 और 0755-2527340 है। इसके अलावा टोल-फ्री नंबर 1099 पर भी जानकारी ली जा सकती है।

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