
पुणे की पुलिस ने कोर्ट में एक लेटर पेश करते हुये दावा किया है कि माओवादी पीएम मोदी की 'राजीव गांधी की तरह हत्या' करने की साजिश रच रहे थे। तो क्या यह गंभीर विषय नहीं है। प्रधानमंत्री की किसी व्यक्ति से क्या दुश्मनी हो सकती है ? नरेंद्र मोदी नामक व्यक्ति से मतभेद हो सकते हैं ? विश्व के कुछ हिस्सों की भांति भारतीय इतिहास प्रधान मंत्री की हत्या का रहा है, प्रधानमंत्री पद पर किसी भी विचारधारा का व्यक्ति हो सकता है। व्यक्ति वहां गौण होता है पद महत्वपूर्ण और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक। हम ये कैसा समाज रच रहे हैं ? देश के मूल विचार और दर्शन में तो किसी भी प्रकार की हत्या स्वीकार्य नहीं है। देश में 2019 में एक सर्वसम्मत प्रधानमन्त्री के चयन का विचार कुछ लोग कर रहे थे। तभी यह खबर आई कि पुणे पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में बताया है कि बुधवार को 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनके संबंध प्रतिबंधित सीपीआई-माओवादी संगठन से हैं। इनके ठिकाने से एक पत्र मिला है, जो प्रधानमंत्री की हत्या के मंसूबे को प्रदर्शित करता है।
देश में प्रचलित विभिन्न विचारधारा जो इस भूमि से उपजी हैं, हिंसा के विरोध में है। विदेशी विचारधारा सत्ता प्राप्ति के लिए हिंसा को जायज ठहराती है। भारतीय राजनीतिक विचार धारा से उत्पन्न कुछ राजनीतिक दल प्रदेश विशेष में हिंसा को जायज ठहराने की कोशिश कर रहे हैं , यही समय है, राजनीतिक विचार का और श्रेष्ठ विचार का। हिंसा का मंसूबा भी तो हिंसा ही है।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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