
झरखेड़ा गांव में 4 अप्रैल को दो दलित युवकों को हिंगलाज मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया था। इसके विरोध में दलितों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था और मंदिर में प्रवेश कराने की गुहार लगाई थी। मंदिर प्रवेश के लिए लोग चल समारोह के रूप में मंदिर पहुंचे और झंडा चढ़ाया।
सीढ़ियों पर चढ़ाते थे झंडा
मंदिर की मान्यता है कि वहां मनोकामना पूरी होने पर झंडा चढ़ाया जाता है लेकिन दलितों को मंदिर के बाहर ही पूजा करने की इजाजत थी और उनसे सीढ़ियों पर झंडा रखवा लिया जाता था। दोराहा के नायब तहसीलदार कुलदीप दुबे का कहना है लोगों ने आवेदन दिया था उसके बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा में मंदिर में प्रवेश दिलाया गया।