
इन नेता पुत्रों के अलावा वर्तमान टीम में ग्वालियर के विवेक शर्मा, इंदौर के गौरव रणविजय व उज्जैन के भानू भदौरिया भी दावेदारों में आगे हैं। छतरपुर में दो बार मोर्चे के जिलाध्यक्ष रहे अरविंद पटैरिया और सागर में मोर्चे के दो बार जिलाध्यक्ष रहे गौरव सिरोठिया का नाम भी चर्चा में शामिल हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान व संगठन महामंत्री सुहास भगत भी युवा मोर्चा में चल रहे घमासान को शांत कराने का कोई रास्ता अब तक खोज नहीं पाए हैं। बहाने बनाकर कार्यकारिणी को अब तक टाला जाता रहा है।
मोर्चे की टीम में दो महामंत्री, छह उपाध्यक्ष व इतने ही मंत्री, एक कोषाध्यक्ष व एक प्रदेश कार्यालय मंत्री होता है। बताया जा रहा है कि पांडे इस बार जिलाध्यक्षों को प्रमोट करके प्रदेश की टीम में लाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि युवा मोर्चा को छोड़कर भाजपा के तमाम मोर्चे (महिला, किसान, पिछड़ावर्ग, अजा व जजा) की टीम घोषित हो चुकी है। सात माह पहले पांडे ने युवा टीम की कमान संभाली थी, लेकिन खींचतान के कारण अभी तक पदाधिकारी घोषित नहीं कर पाए। पुरानी टीम के साथ ही तमाम बड़े कार्यक्रम कर रहे हैं।
हाईकमान ने जो नाम सौंपे उनमें अंडर 35 होगी टीम
केंद्रीय भाजपा की गाइड लाइन पर मप्र में सख्ती से अमल होने की तैयारी है। प्रदेश हाईकमान को जितने भी नाम सौंपे गए हैं, उनकी उम्र अधिकतम 35 है। चूंकि टीम तीन वर्ष के लिए बननी है तो यह भी देखा जा रहा है कि ज्यादातर लोग 32 या 33 वर्ष के हों।