
अतिथि शिक्षक उदयभान ने शनिवार रात को अपने एक रिश्तेदार को आखरी फोन करके कहा कि 'हम जंगल में रास्ता भटक गए हैं। आपस में हम बिछड़ भी गए हैं। मुझे प्यास लगी है और तबियत भी खराब हो रही है। हम बुरी तरह फंस गए हैं। किसी तरह हमारी मदद करो और बचा लो।'
इस सूचना के बाद पुलिस एवं ग्रामीण सक्रिय हुए और जंगल में तीनों की तलाश शुरू की गई। सबसे पहले लोगों को अतिथि शिक्षक उदयभान का शव मिला। शव के पास एक गड्डा भी मिला जो शायद उदयभान ने अपने हाथ से पानी की तलाश में खोदा था। वो प्यास से तड़प तड़प कर मर गया। उदयभान के शव के काफी दूरी पर उसके दोस्त नरेश का शव मिला। यह शव खाई के पास मिला। शव को जंगली जानवरों ने नौंच खाया था। माना जा रहा है कि नरेश पर जंगली जानवरों ने हमला किया होगा।
बुरहानपुर में बतौर सहायक शिक्षक पदस्थ कृष्णकांत अभी तक लापता है। उसकी तलाश की जा रही है। कृष्णकांत व उदयभान आपस में चाचा भतीजे हैं, लेकिन हम उम्र हैं। कृष्णकांत उदयभान का भतीजा है और बुरहानपुर में सहायक शिक्षक है। वह अपने परिवार के साथ मुरैना गणेशपुरा में रहता है। उदयभान झुण्डपुरा में ही रहता है और अतिथि शिक्षक है।
सबलगढ़ में मिल गया था उदयभान
