मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल के नेटवर्क में काम करने वाले 52 में से 49 जिला शिक्षा अधिकारी, अपने जिले के अतिथि शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहे हैं। यह बात प्रमाणित हो गई है। तानाशाही का आलम यह है कि लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से वरिष्ठ अधिकारी द्वारा गंभीर शब्दों में सर्कुलर जारी करने के बाद भी, उसका पालन नहीं किया जा रहा है।
सिर्फ तीन जिला शिक्षा अधिकारियों ने आदेश का पालन किया
लोक शिक्षण संचालनालय मध्य प्रदेश भोपाल की अपर संचालक कामना आचार्य ने दिनांक 28 अप्रैल 2025 को सभी 52 जिला शिक्षा अधिकारियों को सर्कुलर जारी करके स्पष्ट निर्देश दिया था कि, अतिथि शिक्षकों का 30 अप्रैल 2025 तक का सभी बकाया भुगतान किया जाना है। इसलिए जितने भी अतिथि शिक्षकों के वेतन लंबित है उनका प्रस्ताव बनाकर 7 may तक विशेष वाहक के माध्यम से अनिवार्य रूप से भेजने की व्यवस्था करें। इस सर्कुलर के लिए फॉलो भी लिए गए। इसके बावजूद नीमच, रीवा और सीधी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को छोड़कर किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी ने अतिथि शिक्षकों के बकाया भुगतान में रुचि तक नहीं दिखाई।
आज 21 MAY को कामना आचार्य ने फिर से रिमाइंडर जारी किया है। इसमें एक बार फिर लिखा है कि, उक्त के संबंध में समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को पुनः निर्देशित किया जाता है कि समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों से विकासखण्ड वार एकजाई लंबित मानदेय की जानकारी प्राप्त कर अपने औचित्य पूर्ण अभिमत एवं दस्तावेजों सहित विशेष वाहक से दिनांक 26.05.2025 तक अनिवार्यतः भिजवाना सुनिश्चित करें, अन्यथा की स्थिति में अतिथि शिक्षकों के लंबित मानदेय का भुगतान हेतु आवंटन जारी करना संभव नही' होगा इसका उत्तरदायित्व जिला शिक्षा अधिकारी का होगा।
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