5 लाख कर्मचारियों का PF जमा नहीं कर रही सरकार

भोपाल। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ मामले में प्रदेश के डिफाल्टर विभागों को चिन्हित कर लिया है। छानबीन में पता चला है कि इन विभागों में कार्यरत करीब 5 लाख कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं हो रहा है। संगठन ने राज्य शासन के विभागों से ऐसे कर्मचारियों का ब्योरा मांगा है। ईपीएफ की सक्रियता के बाद डिफाल्टर महकमे मामले को कागजी कार्रवाई में उलझाने में जुट गए हैं।

ईपीएफ सूत्रों का दावा है कि नगरीय निकाय, निगम-मंडल, मध्यान्ह भोजन एवं प्राधिकरणों में ही करीब ढाई लाख कर्मचारी ऐसे हैं जिनका पीएफ जमा नहीं हो रहा। महिला बाल विकास एवं आंगनबाड़ियों में भी कर्मचारियों की संख्या एक लाख से ज्यादा है। लोक निर्माण विभाग, राजधानी परियोजना, एनआरएचएम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, ईको टूरिज्म, रेशम केन्द्र सहित खेल एवं युवा कल्याण विभाग में भी ऐसे कर्मचारी कार्यरत हैं। ये सभी दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारी हैं।

प्रमुख सचिव ने भेजा पत्र
ईपीएफ द्वारा भेजे गए पत्र के आधार पर नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने अपने महकमे से संबंधित विभाग प्रमुखों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उधर, श्रम विभाग के प्रमुख सचिव ने भी कई विभागों को इस संबंध में ईपीएफ की योजना का ब्योरा भेजा है। साथ ही आग्रह किया है कि 31 मार्च के पहले इस मामले को दुरुस्त करा लें।

भोपाल नगर निगम और सीपीए भी डिफाल्टर
ईपीएफ सूत्रों का दावा है कि भोपाल नगर निगम में ही दैनिक एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संख्या करीब छह हजार है। निगम की ओर से यह संख्या करीब 1200 बताई जाती है। ठेकेदारों एवं अन्य एजेंसियों के जरिए संचालित कामकाज में लगे कुल 6 हजार कर्मचारी ऐसे हैं जिनका भविष्य निधि अंशदान जमा नहीं हो रहा। निगम ने अक्टूबर 2016 के बाद पीएफ जमा नहीं किया। राजधानी परियोजना से जुड़े निर्माण कार्यों में ईपीएफ ने 1300 कर्मचारियों की संख्या निकाली है। प्राधिकरण, प्रदूषण निवारण मंडल एवं हाउसिंग बोर्ड भी इस मामले में डिफाल्टर की श्रेणी में रखे गए हैं।

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