सुप्रीम कोर्ट से एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने कहा है कि आगामी समय में देश में उम्रदराज लोगों की तादाद तेजी से बढ़ेगी। इसे देखते हुए संसद को बुजुर्गों के कल्याण से संबंधित राष्ट्रीय नीति को मंजूरी देनी चाहिए।
एनजीओ ने न्यायमूर्ति एमबी लोकुर और न्यायमूर्ति पीसी पंत की पीठ के समक्ष बुजुर्गों से जुड़ी नीतियों पर एक रिपोर्ट और सुझाव पेश किए जिसे रिकॉर्ड में लेते हुए पीठ ने केंद्र से इसे देखने को कहा।
पूर्व कानून मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी कुमार द्वारा दायर बुजुर्गों के कल्याण संबंधी योजनाओं को लागू करने की मांग करने वाली जनहित याचिका पर शीर्ष अदालत ने एनजीओ हेल्पएज इंडिया को न्यायमित्र बनाया। मामले पर आगे की सुनवाई 28 फरवरी को होगी। एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2011 की जनसंख्या के मुताबिक तब बुजुर्ग लोगों की संख्या 10.3 करोड़ थी और वर्ष 2015 में यह आंकड़ा 10.8 करोड़ था।