ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में छात्रों से खुलेआम घूस वसूली चल रही है। साधारण से रोजमर्रा के कामों के लिए भी घूस की मांग की जाती है। नहीं देने पर काम लटका दिया जाता है। सबकुछ खुलेआम चल रहा है। एक स्टूडेंट आजाद सिंह ने महिला कर्मचारी का घूसवाला आॅडियो वायरल किया है। इस आॅडियो ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के फेल हो चुके प्रबंधन को प्रमाणित कर दिया।
साइंस कॉलेज के एमएससी इण्डस्ट्रियल केमिस्ट्री के छात्र आजाद सिंह ने सेकंड सेमेस्टर की परीक्षा दी। उसमें उसे एटीकेटी बताई। इस आधार पर उसने तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा फीस 2520 रुपए जमा कर दी। बाद में पता चला कि वह सेकंड सेमेस्टर में फेल है। इसलिए उसने फीस वापसी के लिए जेयू में आवेदन दिया। छात्र ने शिकायत में बताया कि फीस के लिए वह कई बार जेयू पहुंचा। वहां लेखा शाखा में कार्यरत कर्मचारी उससे सेवा शुल्क की डिमांड करने लगी।
अंकिता नामक उस कर्मचारी ने कई दिन तक नोटशीट लटकाए रखी। आजाद ने बताया कि बाद में कर्मचारी उससे सेवा शुल्क के बिना काम करने से मना कर दिया। वह 300 रुपए मांग रही थी। यह राशि सोमवार को देना तय हुआ। आजाद शनिवार को आवेदन लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचा। शनिवार को शासकीय अवकाश था, लेकिन स्टाफ पहुंचा था। इसलिए छात्र आवेदन देकर रिसीव ले गया।
पहले भी पकड़े गए हैं कर्मचारी
जेयू में रिश्वत मांगने का यह पहला मामला नहीं है। रिश्वत मांगने के मामले में दो कर्मचारियों को तो बर्खास्त तक कर दिया था। बाद में उन्हें फिर सेवा में ले लिया गया। सर्विस प्रोवाइडर के रूप में काम करने वाले लोगों पर तो कोई अंकुश ही नहीं है। उन्हें सेवा में लिए जाने से पहले शैक्षणिक व तकनीकी दक्षता की जांच तक नहीं की जाती। सर्विस प्रोवाइडर के रूप में करीब दो सैकड़ा लोगों की फौज पदस्थ है।
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फीस लौटाने के बदले मैडम 300 रुपए मांग रही थीं। उन्होंने नोटशीट आगे नहीं बढ़ाई। मैंने लिखित शिकायत रजिस्ट्रार कार्यालय में कर दी है।
आजाद सिंह, पीड़ित छात्र
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छात्र ने रिश्वत मांगने की लिखित शिकायत की है। सोमवार को अधिकारियों को यह आवेदन दे दिया जाएगा।
अतुल पांडे, रजिस्ट्रार के निज सचिव
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अधिकारी ने फाइल रोकी है
हमारे अधिकारी फाइल को रोके रहते हैं। इसलिए देरी हो रही थी। मैंने रिश्वत नहीं मांगी। छात्र ज्यादा तेज है। उसने झूठी शिकायत की है।
अंकिता, सर्विस प्रोवाइडर कर्मचारी जेयू