भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश के विकास को रफ्तार देने वाले कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इन फैसलों से जहां एक तरफ युवाओं को अपना बिजनेस शुरू करने का मौका मिलेगा, वहीं किसानों की जमीन सिंचित होगी और गांवों तक अच्छी सड़कें पहुंचेंगी। साथ ही भोपाल-इंदौर मेट्रो जैसी बड़ी परियोजनाओं को चलाने के लिए बजट का इंतजाम भी पक्का किया गया है। ये फैसले प्रदेश की जनता के लिए काफी राहत भरे हैं, क्योंकि इनसे रोजगार बढ़ेगा, इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा और आम आदमी का जीवन आसान बनेगा।
भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल परियोजना
सबसे पहले बात भोपाल-इंदौर मेट्रो रेल परियोजना की। कैबिनेट ने इसके संचालन और रख-रखाव के लिए राजस्व मद में बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। वर्ष 2025-26 के लिए 90.67 करोड़ रुपये का इंतजाम किया गया है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने बताया कि मेट्रो से होने वाली आमदनी और खर्च के बीच जो गैप होता है, उसे राज्य सरकार को भरना पड़ता है। स्टेट बजट पर कम बोझ पड़े, इसलिए ये अनुमानित बजट रखा गया है। इससे दोनों शहरों में ट्रैफिक की समस्या कम होगी और लोग आराम से सफर कर सकेंगे।
अपर नर्मदा परियोजना
अब अपर नर्मदा परियोजना की तरफ आते हैं। डिप्टी सीएम शुक्ला ने जानकारी दी कि बसानिया और राघौपुर में बहुउद्देशीय अपर नर्मदा परियोजना से प्रभावित लोगों के लिए 1782 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मंजूर किया गया है। ये पैकेज डूब क्षेत्र के लोगों की सहायता के लिए है। इससे 5512 करोड़ रुपये की लागत वाली अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों की सिंचाई योजना का काम तेजी से शुरू हो सकेगा। तीनों जिलों में 71 हजार 967 हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का पानी मिलेगा और 125 मेगावाट बिजली भी पैदा होगी। किसानों के लिए ये बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि सूखे की मार झेल रहे इलाकों में अब फसलें अच्छी होंगी और बिजली की कमी भी दूर होगी।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
युवाओं के लिए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में बड़ा प्रावधान किया गया है। कैबिनेट ने 905.25 करोड़ रुपये के खर्च का बजट पास किया, जो 2026-27 से 2030-31 तक खर्च होगा। इस योजना के तहत प्रदेश के 18 से 45 साल के युवाओं को स्वरोजगार के लिए 50 हजार से 50 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। हर साल 3 प्रतिशत ब्याज पर अनुदान, सात साल तक लोन गारंटी और फीस में छूट दी जाती है। आने वाले पांच सालों के लिए ये मंजूरी मिली है। मतलब, बेरोजगार युवा अपना स्टार्टअप या छोटा बिजनेस शुरू कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे। ये योजना पहले से चल रही है और अब इसका दायरा और मजबूत होगा।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना योजना
ग्रामीण इलाकों पर भी फोकस रहा। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना योजना के सूचकांक को 2 से बढ़ाकर 3 कर दिया गया है। इसके लिए 693.76 करोड़ रुपये की लागत से 3 हजार 810 काम शुरू किए जाएंगे। गांवों में अच्छी सड़कें और बुनियादी सुविधाएं पहुंचेंगी, जिससे किसान अपनी उपज आसानी से बाजार तक ले जा सकेंगे और गांव का विकास तेज होगा।
कुल मिलाकर ये कैबिनेट डिसीजन प्रदेश को आगे ले जाने वाले हैं। शहर हो या गांव, युवा हो या किसान – सबके लिए कुछ न कुछ राहत और अवसर है। सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर, रोजगार और किसान कल्याण पर साफ दिख रहा है।
हाल ही में इंदौर में हुई एक समीक्षा मीटिंग में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर मेट्रो के अंडरग्राउंड रूट और 25 साल के ट्रैफिक प्लान पर चर्चा की थी। साथ ही, दिसंबर में अन्य कैबिनेट मीटिंग्स में बुंदेलखंड के विकास, सड़क प्रोजेक्ट्स और वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन जैसे फैसले भी लिए गए हैं, जो प्रदेश के संतुलित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
कैबिनेट मीटिंग के मुख्य पॉइंट्स:
- भोपाल-इंदौर मेट्रो का ओपरेशन और मेंटेनेंस के लिए 2025-26 में 90.67 करोड़ का प्रावधान।
- अपर नर्मदा परियोजना (बसानिया और राघवपुर) के डूब प्रभावितों के लिए 1782 करोड़ का पैकेज, जिससे अनूपपुर-मंडला-डिंडोरी की 5512 करोड़ की सिंचाई योजना शुरू होगी, 71,967 हेक्टेयर सिंचाई और 125 MW बिजली।
- मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का 2026-27 से 2030-31 तक延续, 905.25 करोड़ का बजट (वीडियो में 95.25 करोड़ का टाइपो लगता है, लेकिन कंटेक्स्ट से 905 ही सही है)।
- मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना योजना का इंडेक्स 2 से 3, 693.76 करोड़ से 3810 काम।
- वन विज्ञान केंद्रों की स्थापना: 2025-26 से 2029-30 तक 6 केंद्र, 48 करोड़ का बजट, NGO भी लगा सकते हैं।
- कर्मचारी पद वर्गीकरण: अस्थायी-स्थायी का भेद खत्म, कैटेगरी 10 से 5 की।
मध्य प्रदेश कैबिनेट मीटिंग का आधिकारिक प्रतिवेदन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में वंदे मातरम गान के साथ शुरू हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना के डूब प्रभावितों के लिए 1,782 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया। परियोजनाओं के डूब प्रभावितों के लिए डीपीआर में प्रावधानित 1656 करोड़ 2 लाख रुपये के अतिरिक्त 1,782 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है।
उल्लेखनीय है कि अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना 5,512 करोड़ 11 लाख रूपये की है। इससे 71 हजार 967 हेक्टेयर की सिंचाई सुविधा और 125 मेगावाट विदयुत उत्पादन प्रावधानित है। इन तीनों परियोजनाओं से कुल 13 हजार 873 परिवार प्रभावित होंगे, जिन्हें विशेष पैकेज अनुसार निर्धारित मुआवजा प्रति परिवार 12.50 लाख रूपये दिया जायेगा। इसके अलावा 50 हजार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति परिवारों को अतिरिक्त राशि मुआवजा के रूप में देय होगा।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना के कार्यों को अनुमति
मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना में विभाग में 10 लाख या उससे अधिक लागत राशि के कार्य स्वीकृत किए जाने की अनुमति प्रदान की गई। स्वीकृति अनुसार 693 करोड़ 76 लाख रूपये की लागत के लगभग 3810 कार्य पूर्ण किए जा सकेंगे।
मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए राशि स्वीकृत
मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व मद में 90 करोड़ 67 लाख रुपये के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2030-31 तक निरंतर रखने की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2026-27 से वर्ष 2030-31 तक निरंतर रखे जाने और योजना के तहत 905 करोड़ 25 लाख रुपये के व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि योजना के तहत प्रदेश के 18-45 वर्ष के स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के लिए 50 हज़ार से 50 लाख रूपये तक का ऋण बैंक द्वारा स्वीकृत किया जाता है। शासन द्वारा 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और 07 वर्ष तक ऋण गारंटी फीस अनुदान दिया जाता है।
वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए राशि स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक राज्य में 6 वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 48 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति अनुसार प्रदेश में वन क्षेत्र के बाहर वानिकी विस्तार गतिविधियों को बढ़ाने, वन भूमि की उत्पादकता बढ़ाने, काष्ठ के विदोहन से अतिरिक्त आय के साधन के लिए जागरूकता बढ़ाने, वृक्ष खेती को बढ़ावा देने और कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विज्ञान केंद्र की स्थापना की जा रही है। अशासकीय संस्था द्वारा भी वन विज्ञान केंद्र की स्थापना, वन विभाग की अनुमति से की जा सकेगी।
स्वीकृत अस्थायी पदों को स्थायी पदों में परिवर्तित करने के प्रावधान की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन के विभिन्न विभागों में स्वीकृत स्थायी और अस्थायी पदों के विभेदीकरण को समाप्त करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान स्वीकृत अस्थायी पदों को स्थायी पदों में परिवर्तित करने के लिए सेवा भर्ती नियम में आवश्यक प्रावधान करने की स्वीकृति दी गई। कार्यभारित और आकस्मिक स्थापना के सभी पदों को सांख्येतर घोषित कर इन पदों पर नवीन नियुक्ति न करने की भी अनुमति दी गई।
रिपोर्ट: राजेश बैन/अनुराग उइके।
