
25 फरवरी 2014 को संजय की मृत्यु हो गई। इसकी सूचना रविता की ओर से बीमा कंपनी के अधिकारियों को दी गई, लेकिन बीमा की धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। कंपनी ने बीमा क्लेम का दावा मृत्यु की गलत तारीख के आधार पर खारिज कर दिया।
इसके बाद रविता ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम में वाद दायर किया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम के अध्यक्ष एसकेएस यादव और सदस्य श्रवण कुमार ने वाद की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। आदेश दिया गया है कि पीड़िता को चार लाख रुपये 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के 10 हजार रुपये, वाद व्यय के रूप में पांच हजार रुपये सहित कुल 4.15 लाख रुपये अदा किए जाएं। निर्णय का अनुपालन 30 दिन के अंदर किया जाए। यदि भुगतान करने में देरी की जाती है, तो 12 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज दंडात्मक देना होगा।