
शिकायतकर्ता पक्ष के वकील अंकित गुप्ता ने बताया कि सेक्टर-42 के अजय गुप्ता ने 25 दिसंबर 2014 को 62500 रुपए का आईफोन-6 गोल्ड मोबाइल खरीदा था। फोन खरीदते समय उन्होंने चोरी, गुम होने या डैमेज कवर की 1750 रुपए में इंश्योरेंस करवा ली। 3 महीने बाद 11 मार्च 2015 को शिकायतकर्ता का मोबाइल उनकी दुकान से चोरी हो गया। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। चोरी की जानकारी इंश्योरेंस कंपनी को भी दी। इस दौरान उन्होंने मोबाइल की इन कमिंग-आउट गोइंग सर्विस भी बंद करवा दी।
इंश्योरेंस कंपनी ने उन्हें आश्वासन दिया कि 15-20 दिन में क्लेम पर फैसला होगा। शिकायतकर्ता ने मोबाइल फोन की अनट्रेस्ड रिपोर्ट भी सब्मिट करवा दी और इंश्योरेंस क्लेम के डॉक्यूमेंट जमा करवा दिए। इसके बावजूद कंपनी ने उन्हें यह दलील देते हुए इनकार कर दिया कि जिन परिस्थितियों में फोन चोरी हुआ वह इंश्योरेंस कंपनी की टर्म्स एंड कंडिशंस में कवर नहीं होती और चोरी के वक्त फोन चार्जिंग पर लगा था यानि फोन अन-अटेंडेंड था। दूसरा, जहां से फोन चोरी हुआ वहां कोई जबरदस्ती घुसा नहीं था जैसा कि चोरी की घटनाओं में होता है। इन दलीलों के साथ कंपनी ने क्लेम से इनकार कर दिया।
शिकायतकर्ता पक्ष ने कहा कि कंपनी से टर्म्स एंड कंडिशंस की किट नहीं दी गई थी। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद उपभोक्ता फोरम ने शिकायतकर्ता पक्ष के हक में फैसला सुनाते हुए इंश्योरेंस कंपनी को 62500 रुपए लौटाने के साथ 3500 रुपए का जुर्माना और 5 हजार मुकदमा खर्च देने को कहा है।