पहले ही खाली थी सीटें, किराया बढ़ा तो और खाली हो गईं

भोपाल। शताब्दी, राजधानी और दूरंतो ट्रेनों में भोपाल से पहले ही सीटें खाली छूट रहीं थीं। फ्लैक्सी फेयर सिस्टम लागू किया तो और छूटने लगीं। सवाल यह है कि जब सीटें पहले से ही खाली चल रहीं थीं तो किराया क्यों बढ़ाया। भोपाल-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस में चैयरकार श्रेणी में लगभग 300 सीटें खाली चल रहीं हैं। सोमवार को चार्ट बनने के पहले तक इस ट्रेन चैयरकार श्रेणी की 314 सीटें खाली थीं। किराया बढ़ने के बाद जो लास्ट टाइम सीटें भर जातीं थीं, वो भी बंद हो गईं। धीरे धीरे इसके और दुष्प्रभाव रेलवे को दिखाई देंगे। 

भोपाल होकर तीन दूरंतो ट्रेनें, दो राजधानी एक्सप्रेस व भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस जाती है। इन ट्रेनों में आसानी से सीट/बर्थ मिल जाती है। इसके बाद भी रेलवे ने किराया बढ़ा दिया है। फ्लेक्सी किराए में 10 फीसदी सीटें बुक होने पर 10 फीसदी किराया बढ़ जाता है। 50 फीसदी या उससे ज्यादा सीटें बुक होने पर किराया एक जैसा है। यह बढ़ोतरी मूल किराए में हो रही है।

इसके अलावा बाकी सारे चार्जेस भी लग रहे हैं। इस लिहाज से नई दिल्ली से भोपाल के लिए शताब्दी में चैयरकार श्रेणी का न्यूनतम किराया 1185 रुपए व अधिकतम किराया 1604 रुपए है। इसके पहले रेलवे ने ज्यादा भीड़ वाले रूट की कुछ ट्रेनों में प्रीमियम तत्काल कोटा या अलग से सुविधा ट्रेन चलाना शुरू किया है, फिर भी शताब्दी, राजधानी व दूरंतों को किराया बढ़ा दिया गया है।

तत्काल टिकट फायदेमंद
शताब्दी में एक्जीक्यूटिव क्लास व चैयरकार श्रेणी की आधे से ज्यादा सीटें रेलवे ने पहले ही तत्काल कोटे में डाल दी है। चैयरकार श्रेणी में 336 व एक्जीक्यूटिव क्लास में 34 सीट तत्काल कोटे में हैं। नई दिल्ली-भोपाल के बीच चैयरकार श्रेणी की जनरल कोटे की आखिरी बर्थ का किराया 1604 रुपए है, जबकि तत्काल कोटे की बर्थ का किराया 1420 रुपए है।
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