भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्णय लिया है कि मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक आयोग का गठन किया जाएगा। बता दें कि इन दिनों भाजपा के नेताओं और मप्र के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कैलाश विजयवर्गीय जैसा दिग्गज नेता तक मप्र की प्रशासनिक व्यवस्था के खिलाफ खुलकर मैदान में हैं जबकि 2 दर्जन से ज्यादा विधायक और सैंकड़ों दूसरे जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारियों पर मनमानी के खुले आरोप लगा रहे हैं।
राज्य के प्रवक्ता और जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ने 19 विभाग के अमले के साथ बैठक की और उनके कामकाज की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने राज्य प्रशासनिक सेवा आयोग के गठन को निर्देश दिए हैं। यह आयोग भारत सरकार के आयोगों की अनुशंसाओं की समीक्षा कर राज्य के संदर्भ में अपनी सिफारिशें देगा।
बता दें कि पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की समन्वय बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा था। इस दौरान पूर्व सीएम बाबूलाल गौर ने भी कहा था कि 'घोड़े तभी बेलगाम होते हैं, जब घुड़सवार कमजोर हो।' प्रशासनिक मनमानियों के चलते अब सीधे मुख्यमंत्री को निशाना बनाया जा रहा है।