संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की नीति बनेगी

भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने मप्र सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री श्री लाल सिंह आर्य को प्रदेश के 54 विभागों में संविदा पर कार्यरत ढाई लाख संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बनाने के लिए ज्ञापन सौंप। मंत्री आर्य की ओर से आश्वस्त किया गया कि जल्द ही इसके लिए नीति बनाई जाएगी। 

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने जीएडी मंत्री लाल सिंह आर्य को अवगत कराया कि संविदा कर्मचारियों से नौकरी के नाम पर बंधुआ मजदूरी करवाई जा रही है। सभी विभागों में संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों से आधा वेतन दिया जा रहा है और काम नियमित कर्मचारियों से ज्यादा से करवाया जा रहा है जबकि संविधान के आर्टीकल 14 में समानता का अधिकार है सरकार नियमित कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों में किसी प्रकार का भेद-भाव नहीं कर सकती है। अनेक विभागों में जैसे पीएचई, वाणिज्यकर में महिला संविदा कर्मचारियों को प्रसूति अवकाश तक नहीं दिया जा रहा है। 

अनेक संविदा कर्मचारी अधिकारी ओवरऐज हो गये हैं। अब ऐसे में संविदा कर्मचारी अधिकारी कहां जायेंगे। संविदा कर्मचारियों को मकान किराया भत्ता, मंहगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता चिकित्सा प्रतिपूर्ति नहीं दी जा रही है । ऐसे में संविदा कर्मचारी अपने और अपने परिवार का इलाज कैसे करवायेगा। वहीं म.प्र. सरकार ने शिक्षाकर्मी,, पंचायत कर्मी, गुरूजी जिनकी भर्ती सरपंचों और ग्राम समुदाय ने की थी, ऐसे कर्मचारियों को नियमित कर दिया लेकिन विधिवत् चयन प्रक्रिया के माध्यम् से भर्ती किये गये संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं कर रही है जिससे प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है। इसलिए सरकार प्रदेश के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए 2013 में बनाई गई नीति को लागू करे। सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री लाल सिंह आर्य ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की नीति बनाने का आश्वासन दिया है। 

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