
मधु मिश्रा के रविवार को दिए आरक्षण संबंधी बयान ने बखेड़ा खड़ा कर दिया। परशुराम सेवा संस्थान द्वारा आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन व होली मिलन समारोह में उन्होंने कहा था कि आज संविधान के सहारे जो हमारे सिर पर बैठ कर राज कर रहे हैं वो कभी तुम्हारे जूते साफ़ किया करते थे। आज तुम्हारे हुजूर हो गए हैं। क्योंकि, हम बंट गए? अपने इस बयान पर बाद में हंगामा होते देख उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था। उन्होंने कहा, मैं अपने सामाज के कार्यक्रम में बोल रही थी। समाज की बेटी और बहू हूं। मेरा आशय किसी समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। किसी को दुख हुआ तो मैं उनसे क्षमा मांगती हूं।
मेरे कहने का आशय ये था कि हमारे समाज के बच्चों को भी सरकारी नौकरी मिले। संविधान में आरक्षण का प्रावधान नहीं होता तो हमारे बच्चे भी अधिकारी बनते।' प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने उनके बयान को गंभीरता से लिया और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने हिन्दुस्तान को बताया कि पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष मधु मिश्रा को प्राथमिक सदस्यता से भी बर्खास्त कर दिया गया है।