भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले दिनों आंदोलन कर रहे अध्यापकों से वार्ता के लिए तारीख तय कर दी है। सरकार ने अध्यापक संयुक्त मोर्चा को 12 अक्टूबर को बुलाया है। उम्मीद की जा रही है कि इस मीटिंग में कोई बीच का रास्ता निकला जाएगा।
याद दिला दें कि मप्र के अध्यापक 6वें वेतनमान की दोनों किश्तें एकसाथ मांग रहे हैं। सरकार का कहना है कि 2013 में जो तय किया गया था, उसका पालन किया जाएगा जबकि अध्यापकों का कहना है कि एक टिकिट के लिए बिक गए नेताओं के साथ हुए समझौते को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इस संदर्भ में आजाद अध्यापक संघ के महासचिव मो.जावेद खान ने एफबी अपडेट किया है, पढ़िए क्या लिखा है उन्होंने:
साथियों मध्यप्रदेश सरकार हमें यदि कमजोर या डरपोक आॅक रही है तो यह बताना निहायत ही जरूरी है कि हमने केवल अपने मुख्यमंत्री जी एवं माननीय उच्च न्यायालय की अपील का सम्मान किया है। सरकार द्वारा संयुक्त मोर्चा के साथ 12 तारिख वार्ता के लिए तय की गई है। चुकिं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से शिक्षाविभाग एवं छटवा वेतन के मामले पर कोई चर्चा नही हुई है इसलिए हम प्रशासन से कोई उम्मीद नही रख रहे है। लेकिन सरकार के पास पर्याप्त समय है निर्णय लेने का । निर्णय ना होने के स्थिती में हमारा दिल्ली कुच तय है। यह प्रदेश के लिए बहुत ही दूर्भाग्यपूर्ण एवं शर्मनाक होगा कि समूचे देश के सामने सम्मान के लिए जनआन्दोलन होगा।
सभी साथी इस पोस्ट पर अपनी ग्राउण्ड रिपोर्ट देवे कि आपके जिले से कितने साथी दिल्ली मार्च करेंगे । संख्या लिखे । हम तारिख का खुलासा बाद में करेंगे।
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हम सिर्फ इतना जानते है कि इस बार हम शिक्षक बने बगैर वापसी नही करेंगे। और यदि इसके बाद भी भ्रम दूर नही हो रहे है सरकार के तो यह उदघोष भी सून ले कि अगली सरकार किसी पार्टी की नही वरन कर्मचारियों की सरकार होगी।
आपका साथी
मो.जावेद खान
प्रांतिय महासचीव
आजाद अध्यापक संघ म.प्र.